Patna: बिहार के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान का शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. हाजीपुर के पास दीघा स्थित जनार्दन घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. रामविलास पासवान के पुत्र और सांसद चिराग पासवान ने मुखाग्नि दी. पिता को मुखाग्नि देते हुए चिराग बेसुध होकर गिर पड़े. मौके पर मौजूद लोगों ने फिर चिराग को संभाला और हिम्म्त बंधाई.
लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक दिवंगत पासवान के अंतिम संस्कार में दलों का भेद नहीं दिखा और उनकी अंतिम यात्रा में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की मौजूदगी दिखी.
दीघा घाट पर किया गया अंतिम संस्कार
अंतिम संस्कार के दौरान दीघा स्थित घाट पर भारी संख्या में लोग मौजूद थे और रामविलास अमर रहें के नारे लगा रहे थे. इस दौरान घाट पर पासवान की पत्नी रीना पासवान भी मौजूद थीं.
Bihar: RJD leader Tejashwi Yadav pays tribute to #RamVilasPaswan at Digha ghat in Patna. pic.twitter.com/UNQHxI3SaP
— ANI (@ANI) October 10, 2020
आसपास के गांव से काफी संख्या में लोग लकड़ी लेकर आये थे. काफी संख्या में लोग दीघा घाट पर अपने नेता की एक अंतिम झलक पाने के लिए पहुंचे थे और वे कोविड-19 महामारी के खतरे से भी बेपरवाह नजर आ रहे थे. लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के लिए सुरक्षा बलों को इस दौरान काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी.
लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के साथ 70 के दशक में अपना राजनीतिक करियर शुरू करने वाले रामविलास पासवान 1969 में पहली बार अलौली सीट से विधानसभा चुनाव जीते थे.
1977 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले पासवान 9 बार लोकसभा सांसद रहे. साल 2000 में उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया था. रामविलास पासवान बिहार के ऐसे नेता थे, जिन्होंने देश के छह प्रधानमंत्री के साथ काम किया.
अंतिम यात्रा में कई नेता हुए थे शामिल
अंतिम यात्रा एसके पुरी स्थित उनके आवास से शुरू हुई. जनार्दन घाट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, राजद नेता तेजस्वी यादव, भाजपा नेता मंगल पांडे समेत विभिन्न नेताओं ने रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि दी.
रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि देने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि, उनके निधन से हम सभी दुखी हैं. उन्होंने युवा अवस्था से ही सेवा का काम किया है.
हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं. कामना करते हैं कि उनके जो काम हैं, उनको लोग याद रखेंगे. पासवान के अंतिम संस्कार में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद शामिल हुए.
अभी उनके जाने का समय नहीं था – रविशंकर प्रसाद
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि रामविलास जी बिहार ही नहीं, देश के नेता थे, वो एक जन नेता थे. मैं अटल जी की सरकार में उनके साथ कोयला खान राज्य मंत्री था, मैं उनकी क्षमता जानता हूं. वो उपेक्षितों की एक बहुत बड़ी आवाज़ बने. ये उनके जाने का समय नहीं था.
गौरतलब है कि लंबी बीमारी के बाद 8 अक्टूबर को देर शाम पासवान का निधन हो गया. 74 वर्षीय पासवान पिछले कई दिनों से दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे. अभी कुछ दिनों पहले ही उनके हृदय का ऑपरेशन भी हुआ था.