- एनएच-75 के किनारे 50 एकड़ भूमि बंदोबस्ती का मामला
- डीसी ने तीन बिंदुओं पर मांगा जवाब
Sunil Kumar
Latehar : सदर अंचल के जगलदगा मौजा स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-75 के किनारे की विवादित भूमि की रजिस्ट्री होने के उपरांत डीसी हिमांशु मोहन ने रजिस्ट्रार विपिन कुमार साहू को तलब किया है. श्री मोहन ने रजिस्ट्रार श्री साहू से तीन दिनों के भीतर तीन बिंदुओं पर जवाब मांगा है. डीसी ने अपने आदेश में लिखा है कि जगलदगा मौजा की विवादित जमीन के निबंधन पर जब पूर्व डीसी ने रोक लगाई थी, तो निबंधन कैसे किया गया. मालूम हो कि सदर अंचल के जगलदगा मौजा स्थित बड़े भू-भाग को कतिपय लोगों ने हुकुमनामा के जरिए बंदोबस्त कराया था. जिसके आधार पर रिविजनल सर्वे में उनका नाम दर्ज हो गया था. ग्रामीणों का कहना है कि उक्त भू-भाग पर आरएस खतियानी लोगों का कभी दखल कब्जा नहीं रहा है और अधिकांश जमीन में साल वृक्ष एवं जंगल झाड़ियां उगी हुई है. एनएच के किनारे होने की वजह से इस भूमि की कीमत बढ़ गई है और भूमि पर माफियाओं की नजर है. वे बिक्री करना चाह रहे हैं. इसकी भनक लगते ही पूर्व डीसी भोर सिंह यादव ने जमाबंदी को संदिग्ध बताते हुए निबंधन पर रोक लगा दी थी. सात महीनों तक निबंधन पर रोक लगी रही. लेकिन माफियाओं ने अब निबंधन कराना शुरू किया है. डीसी हिमांशु मोहन के उक्त आदेश के बाद निबंधन कार्यालय में प्रस्तुत इन विवादित अन्य दस्तावेजों की समाचार लिखे जाने तक निबंधन रुकी हुई है.
सरकारी भूमि के निबंधन होने की खबर छपते ही सक्रिय हुए क्रेता विक्रेता
जगलदगा स्थित कथित सरकारी भूमि के निबंधन की खबर पढ़कर कई बंदोबस्ती भूमि के क्रेताओं एवं विक्रेताओं ने निबंधन कार्यालय का चक्कर लगाना शुरू कर दिया है. हालांकि कार्यालय द्वारा स्पष्ट रूप से सूचित कर दिया गया है कि किसी भी हालत में बंदोबस्त भूमि का निबंधन नहीं होगा, फिर भी लोगों का आना-जाना जारी है. कई लोगों ने तो दस्तावेजों को भी प्रस्तुत कर दिया है, जो कार्यालय में स्वीकार नहीं की गई है.
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