Ranchi: लॉकडाउन में आर्थिक गतिविधियां ठप हो जाती हैं. पिछले साल कोरोना के पहले फेज में भी ऐसा ही हुआ था. उस समय अर्थव्यवस्था की बदहाली से सबक लेते हुए राज्य सरकारों ने इस बार पूर्ण लॉकडाउन नहीं किया. झारखंड में भी कुछ ऐसा ही हुआ. झारखंड में दूसरे फेज का पहला लॉकडाउन 22 अप्रैल को लगा. मई का पूरा महीना लॉकडाउन में बीता. इस दौरान सरकारी खजाने पर काफी असर पड़ा. राजस्व वसूली रुक गयी. केंद्रीय से मिलनेवाली हिस्से में कमी आयी. इस लड़खड़ाती इकोनॉमी को शराब की बिक्री ने संभाला. अप्रैल और मई के सरकारी राजस्व के आंकड़ों को देखें, तो जहां हर मद में सरकार की आय घटी है, वहीं लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री से सरकारी खजाने को करीब 300 फीसदी ज्यादा आय हुई.
अप्रैल में 38 करोड़ तो मई में 148 करोड़ हुई कमाई
वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि जाहिर तौर पर हमारी सरकार वैसे काम नहीं कर पायी, जैसा होना चाहिए था. उन्होंने इसके पीछे कोरोना को कारण बताया. उन्होंने आंकड़े दिखाते हुआ कहा कि केंद्र से पैसे तो कम आये ही, राज्य सरकार की अपनी कमाई भी घटी है.
जानें सरकार के खजाने में कहां से आया कितना पैसा
विभाग | अप्रैल 2021 (करोड़) | मई 2021(करोड़) | कुल (करोड़) |
केंद्र से टैक्स का हिस्सा | 1295.50 | 1295.50 | 2591 |
ग्रांट्स | 294.47 | 783.61 | 1078.08 |
कॉमर्शियल टैक्स | 1380.39 | 938.54 | 2318.93 |
भू-राजस्व | 7.34 | 4.49 | 11.83 |
शराब | 37.79 | 147.40 | 185.19 |
रजिस्ट्री | 42.51 | 2.59 | 45.10 |
ट्रांसपोर्ट | 64.73 | 34.95 | 99.68 |
माइंस | 426.99 | 422.98 | 849.97 |
कुल | 3549.72 | 3630.06 | 7179.78 |
इसे भी पढ़ें- प्रतिबंध वाले 9 जिलों में घटा है संक्रमण का आंकड़ा, सरकार दे सकती है प्रतिबंधों में छूट