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महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने दिया इस्तीफा, हाईकोर्ट के आदेश के बाद नैतिक आधार पर लिया फैसला

Mumbai : महाराष्ट्र">https://en.wikipedia.org/wiki/Maharashtra">महाराष्ट्र

के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने दिया इस्तीफा. वे वसूली के आरोपों से घिर चुके थे. उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेज दिया है. वे सीएम से मिलने उनके घर भी गए हैं. देशमुख ने इस्तीफे में यह लिखा है- आज माननीय हाईकोर्ट की ओर से एडवोकेट जयश्री पाटिल की याचिका पर सीबीआई जांच का आदेश दिया गया है. इसलिए मैं नैतिक आधार पर गृह मंत्री के पद से इस्तीफा देता हूं. मैं आपसे विनम्र निवेदन करता हूं कि मुझे गृह मंत्री के पद से मुक्त किया जाए. उधर सूत्रों के मुताबिक दिलीप पाटील सूबे के नए गृह मंत्री बनाए जा सकते हैं. तीन घंटे पहले ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने वसूली के आरोपों की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि आरोप छोटे नहीं हैं और राज्य के गृह मंत्री पर हैं, इसलिए पुलिस इसकी निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती. मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने देशमुख पर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि देशमुख ने निलंबित API सचिव वझे को 100 करोड़ रुपए वसूली का टारगेट दिया था. इसे भी पढ़ें : एक">https://english.lagatar.in/tiger-group-criminal-surrenders-with-weapon/45645/">एक

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हाईकोर्ट ने कहा- यह एक अभूतपूर्व मामला

कोर्ट ने कहा कि हम इस बात से सहमत हैं कि यह एक अभूतपूर्व मामला है. यह पूरा मामला एफआईआर के इर्द-गिर्द घूम रहा है. जयश्री पाटिल ने एफआईआर दर्ज करवाने का प्रयास किया था, लेकिन उनकी एफआईआर दर्ज नहीं हुई. हम इस मामले से जुड़े अन्य मुद्दों पर अभी बात नहीं करेंगे. अनिल देशमुख पुलिस विभाग को लीड करने वाले गृह मंत्री हैं. इस मामले में एक स्वतंत्र जांच होनी चाहिए, इसलिए CBI फिलहाल बिना एफआईआर दर्ज किए जांच करे और 15 दिन में अपनी प्राथमिक रिपोर्ट पेश करे. इस मामले से जुडी एक अन्य याचिका में परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. याचिका में गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ CBI जांच की मांग की गई थी.

कोर्ट तीन जनहित याचिकाओं पर कर रही थी सुनवाई

पीठ तीन जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी. इनमें एक याचिका खुद सिंह ने जबकि दूसरी याचिका शहर की वकील जयश्री पाटिल और तीसरी एक शिक्षक मोहन भिडे ने दायर की थी. जिनमें अलग-अलग कदम उठाने का अनुरोध किया गया है. पीठ ने तीनों याचिकाओं का निस्तारण किया. गौरतलब है कि 25 मार्च को परमबीर सिंह ने देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच का अनुरोध करते हुए आपराधिक पीआईएल दाखिल किया था. जिसमें उन्होंने दावा किया कि देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे समेत अन्य पुलिस अधिकारियों को बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा. हालांकि मंत्री ने इन आरोपों से इनकार किया है. https://english.lagatar.in/tiger-group-criminal-surrenders-with-weapon/45645/

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