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मैथन : सरकारी स्कूलों में खादी महोत्सव का आयोजन, महत्व व उपयोग के फायदे बताये

भारतीयों के आत्मनिर्भरता का प्रतीक है खादी- प्रमोद कुमार झा Maithan :  सरकारी स्कूलों में आज शुक्रवार को खादी महोत्सव का आयोजन किया गया. इस दौरान शिक्षकों ने बच्चों को खादी के महत्व व उपयोग के फायदे बताये. एग्यारकुंड मध्य विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्रभारी प्राधानाध्यापक प्रमोद कुमार झा ने कहा कि खादी महोत्सव का उद्देश्य नागरिकों विशेष कर छात्रों एवं युवाओं को खादी के बारे में जागरूक करना और उन्हें इसे अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है.

खादी आंदोलन का उद्देश्य विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार और भारतीय वस्तुओं को बढ़ावा देना

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alt="" width="600" height="400" /> आगे कहा कि भारतीयों की आत्मनिर्भरता और ब्रिटिश मिल में निर्मित कपड़ों के उपयोग के प्रतिरोध का प्रतीक है खादी.  यह भारत का वार्षिक कार्यक्रम है, जिसमें ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखने वाले हाथ से बने एवं हाथ से बुने हुए खादी के कपड़ों का जश्न मनाया जाता है. खादी आंदोलन का उद्देश्य कपास सहित विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करना और भारतीय वस्तुओं को बढ़ावा देना था. कार्यक्रम में विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रमोद कुमार झा, प्रमोद राव, विदन मंडल, पंपी खा, कुमारी सोना दास, जमुना बाउरी, राजेश बाउरी, हेमलाल बाउरी, मारुती बाउरी, दुलाली बाउरी, चंदना बाउरी आदि उपस्थित रहे. [wpse_comments_template]  
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