Imphal : मणिपुर में उन्मादी द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर कर घुमाने वाले मुख्य आरोपी को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिये जाने के बाद भी लोगों का गुस्सा थम नहीं रहा है. अब खबर आयी है कि मणिपुर के थौबाल जिले के याइरीपोक गांव में प्रतिशोध की आग में जल रहे लोगों ने आरोपी के घर को जला दिया. गुरुवार देर रात वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मुख्य आरोपी खुयरूम हेरादास के घर को जलाये जाने की पुष्टि की है. सूत्रों के अनुसार अचानक आयी भीड़ ने आरोपी के घर को आग के हवाले कर दिया.
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VIDEO | Local women burnt down the house of one of the accused, who was seen in the May 4 video of two women being paraded naked in Manipur. pic.twitter.com/HtM7LJfIK5
— Press Trust of India (@PTI_News) July 21, 2023
Manipur Viral Video Case | A total of four persons have been arrested till now. The State Police is making all-out efforts to arrest the other culprits at the earliest. Raids are continuing: Manipur Police pic.twitter.com/4lyg8zhkF3
— ANI (@ANI) July 20, 2023
मुख्य आरोपी का नाम खुयरूम हेरादास बताया गया है
इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें नजर आ रहा है कि आग लगाने वाले लोगों में अधिकतर महिलाएं हैं. मुख्य आरोपी का नाम खुयरूम हेरादास बताया गया है .जान लें कि मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनके साथ दरिंदगी करते हुए वायरल हुए वीडियो के मामले में खुयरूम हेरादास को पुलिस ने गुरुवार को थॉउबल जिले से धर दबोचा था. पुलिस इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
77 दिनों तक घटना पर पर्दा डालने का प्रयास किया गया
दो महिलाओं के साथ दरिंदगी की घटना 4 मई को हुई थी. इस मामले की शिकायत 18 मई को दर्ज की गयी थी. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सरकार और प्रशासन हरकत में आये. 77 दिनों तक इस पर पर्दा डालने का प्रयास किया गया. देशव्यापी संसद से सड़क तक हंगामा मचने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की गयी, बता दें कि दर्ज शिकायत में घातक हथियारों के साथ डकैती, अपहरण, हमला, बलात्कार और हत्या की धाराएं शामिल की गयी थी.
भीड़ ने लूटपाट और अन्य घटनाओं को अंजाम दिया
आरोप है कि इस मामले को नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित करने में पुलिस को एक माह से ज्यादा दिन लग गये. शिकायत 18 मई को दर्ज हुई और 21 जून को मामला नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में पहुंचा. एफआईआर में ग्राम प्रधान के हवाले से कहा गया था कि भीड़ ने लूटपाट और अन्य घटनाओं को अंजाम दिया.
अधिकारियों ने माना कि उन्हें पता था कि गांव संवेदनशील है
कहा गया कि एके राइफल, एसएलआर, इंसास और .303 राइफल जैसे घातक हथियारों लैस भीड़ ने गांव में हमला बोल दिया. लोगों के घरों में तोड़फोड़ की. नकदी लूटी गयी. सामान जला दिये गये. इसी क्रम में भीड़ ने हत्याएं की. दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया. इस मामले में अधिकारियों ने माना है कि उन्हें पता था कि गांव संवेदनशील है. जानकारी के अनुसार 150 निवासियों में से लगभग 90 को पुलिस और सुरक्षा कर्मियों ने पूर्व में निकाल लिया था. एक अधिकारी के अनुसार इनमें से अधिकतर ग्रामीणों को सरकार द्वारा संचालित शिविरों में पनाह मिली है.
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