Ranchi/Delhi : मेयर आशा लकड़ा ने शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय शहरी एवं आवासन मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मुलाकात की. उनसे 15वें वित्त आयोग के तहत आवंटित राशि का गैर कानूनी तरीके से उपयोग करने व निगम परिषद से योजनाओं की स्वीकृति प्राप्त किए बिना टेंडर प्रक्रिया पूरी कर कार्य निष्पादित करने की जानकारी दी. मेयर ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि रांची नगर निगम के नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने स्थायी समिति/ निगम परिषद से 48 योजनाओं की स्वीकृति लिये बिना ही न सिर्फ टेंडर प्रक्रिया पूरी की, बल्कि संबंधित योजनाओं का निष्पादन भी कर दिया. अब नगर आयुक्त 48,93,76,278 रुपये की 48 योजनाओं का घटनोत्तर स्वीकृति देने के लिए दबाव बना रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री आदरणीय श्री सिंह पुरी जी से मुलाकात कर उन्हें 15वें वित्त आयोग के तहत आवंटित राशि का दुरुपयोग करने की जानकारी दी। साथ ही नगर विकास विभाग झारखंड व रांची नगर निगम के नगर आयुक्त की गलत कार्यशैली की जानकारी भी दी।@HardeepSPuri pic.twitter.com/nJZ9GAgqpY
— Dr. Asha Lakra (@AshaLakra79) April 8, 2022
केंद्रीय मंत्री से कार्रवाई करने का किया अनुरोध
मेयर ने केंद्रीय मंत्री से यह भी कहा कि नगर आयुक्त मुकेश कुमार झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 का उल्लंघन कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं. नियमानुसार किसी भी योजना से संबंधित प्रस्ताव पर स्थायी समिति व रांची नगर निगम परिषद की स्वीकृति अनिवार्य है. उन्होंने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि रांची नगर निगम के जनप्रतिनिधियों के मान-सम्मान व अधिकार की रक्षा के लिए कानून सम्मत कार्रवाई की जाए.
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झारखंड सरकार से पत्राचार कर जवाब मांगा जाएगा
वहीं विभागीय सचिव मनोज जोशी ने मेयर आशा लकड़ा को आश्वस्त किया कि जल्द ही इस विषय पर झारखंड सरकार से पत्राचार कर जवाब मांगा जाएगा, ताकि 15वें वित्त आयोग के तहत नगर निकायों को आवंटित की गई राशि का सदुपयोग हो सके.
ग्रामीण विकास मंत्री कुलस्ते से भी मिली थीं
बताते चलें कि इससे पहले गुरुवार को मेयर आशा लकड़ा ने केंद्रीय राज्य मंत्री (इस्पात एवं ग्रामीण विकास) फग्गन सिंह कुलस्ते से नई दिल्ली स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने झारखंड के ग्रामीण विकास से संबंधित योजनाओं की जानकारी दी थी. उन्होंने राज्य के कई दुरूह क्षेत्रों में सड़क का निर्माण कर उसे मुख्य मार्ग से जोड़ने की मांग की थी, ताकि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वालों को रोजी-रोटी के लिए शहर से जोड़ा जा सके.
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