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मेयर का आरोप- रिम्स की लापरवाही से एक मरीज की गई जान तो दूसरे को 20 हजार में दिया बेड

  • डिप्टी मेयर के बाद मेयर ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठाया सवाल,"मरीजों के परिजनों को अधिकारियों से सहयोग भी नहीं"
  • स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को लिखा पत्र,मुख्यमंत्री सहित मुख्य सचिव व स्वास्थ्य सचिव को सौंपी प्रतिलिपि

Ranchi:डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय के बाद अब मेयर आशा लकड़ा ने भी राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को पत्र लिखकर मेयर ने रिम्स और सदर अस्पताल की लचर व्यवस्था के कारण लोगों के जान जाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि इन अस्पतालों में भर्ती संक्रमित मरीजों के परिजन बता रहे हैं, कि डॉक्टर समय पर मरीजों को नहीं देख रहे हैं. मरीजों को समय पर न दवा मिल रहा है न ही भोजन. यहां तक कि संक्रमित मरीजों के परिजनों को अधिकारियों से सहयोग भी नहीं मिल रहा है.

मेयर ने रातू रोड व बेड़ो के एक संक्रमित मरीज की बात कहकर यह आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि एक मरीज को तो पहले रिम्स के डॉक्टर ने बेड देने से मना कर दिया. बाद में 20,000 रुपये लेकर उसे बेड उपलब्ध करा दिया. पत्र की प्रतिलिपि मेयर ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन,मुख्यसचिव सुखदेव सिंह,स्वास्थ्य सचिव केके सोन को भी सौंपी है.

रिम्स की व्यवस्था पर सवाल

मेयर ने कहा है कि रातू रोड के एक संक्रमित मरीज को भर्ती करने के लिए उन्होंने डॉक्टर,हॉस्पिटल के कर्मचारी और सरकार के द्वारा नियुक्त इंसीडेंट कमांडर से बार-बार आग्रह किया. परंतु उनकी कोई बात नहीं सुनी गई. जिसके चलते मरीज की जान चली गई. इसी तरह बीते सोमवार को बेड़ो के संक्रमित मरीज को रिम्स में भर्ती कराने के लिए उन्होंने काफी प्रयास किया. पहले तो चिकित्सकों और इंसीडेंट कमांडर शैलेश सिंह ने कोई सहयोग नहीं किया. बाद में उसी मरीज को भर्ती कराने के लिए रिम्स के आला अधिकारियों ने 20,000 रुपये ली और बेड उपलब्ध करा दिया. मेयर ने स्वास्थ्य मंत्री से पूछा है कि यह कैसी व्यवस्था है.

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