Majhgaon : केरोसिन के मूल्यों में हुई बेतहाशा वृद्धि के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं. बिजली नहीं रहने के बाद इनके घरों में रोशनी के लिए चिराग ही एक सहारा था लेकिन अब वो भी बुझ गया है. इसका खामियाजा प्रखंड क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को उठाना पड़ रहा है. मालूम हो कि मझगांव व कुमारडुंगी प्रखंड क्षेत्र घने जंगलों के बीच में बसा हुआ है. बारिश के मौसम में बिजली आपूर्ति अक्सर बाधित रहती है. पहले तो लोग केरोसिन से ढिबरी जलाकर काम चला लेते थे लेकिन अब केरोसिन तेल के दाम बढ़ने से गरीब ग्रामीण काफी परेशान है.
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120 रुपए प्रति लीटर बिक रहा केरोसिन तेल
केरोसिन ग्रामीणों की पहुंच से दूर हो गया है. वर्तमान में केरोसिन के तेल ने पेट्रोल और डीजल को पछाड़कर दाम के मामले में पहला स्थान प्राप्त कर लिया है, बीते माह क्षेत्र में 100 से 110 रुपया प्रति लीटर केरोसिन तेल बिक रहा था, लेकिन अब वर्तमान समय में इसकी कीमत 120 रुपए लीटर हो चुकी है. दाम में हुई बढ़ोत्तरी के कारण जन वितरण प्रणाली दुकानदार भी केरोसिन लाना बंद कर दिए हैं. क्षेत्र में 2 माह पूर्व से ही जन वितरण प्रणाली दुकानदारों ने केरोसिन का उठाव बंद कर दिया है. दुकानदारों का कहना है जब लाभुक ही तेल का उठाव नहीं करेंगे तो वे तेल क्यूँ लाए.
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केरोसिन पर सब्सिडी बंद होने से बढ़ी कीमत
सरकार बीते वर्ष से ही केरोसिन पर सब्सिडी बंद कर दी है, जिसका खामियाजा क्षेत्र के लोगों को उठाना पड़ रहा है. छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बिजली पर निर्भर हो गई है. क्षेत्र में विधयुत आपूर्ति बाधित होने से बच्चे ठीक से परीक्षा की तैयारी भी नहीं कर पा रहे हैं. लोग अब अंधेरे में रहने को विवश हैं. आदिवासी कल्याण छात्रावास में रहने वाले छात्र दुडिया तिरिया ने बताया कि12 छात्र हॉस्टल में रहते हैं लाइन रहने से पढ़ाई बाधित हो रही है. वहीं पीजी की तैयारी कर रहे मुकेश जेराई का कहना है कि बिजली नहीं रहने से पढ़ाई नहीं कर पा रहे है.
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