Bermo : सीसीएल के केंद्रीय अस्पताल ढोरी का कोल इंडिया सेफ्टी बोर्ड के सदस्य अख्तर उस्मानी ने निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान कई कमियां पाई गई. सेफ्टी बोर्ड के सदस्य अख्तर उस्मानी ने कहा कि केंद्रीय अस्पताल ढोरी में काफी कमी है. अस्पताल में डायलिसिस मशीन पड़ी हुई है, पर चलाने वाला कोई टेक्नीशियन नहीं है, जिसके कारण मजदूरों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है. मजदूर सीसीएल के अस्पताल में इलाज नहीं कराकर निजी अस्पताल में इलाज कराने को मजबूर हैं.
निजी प्रैक्टिस पर है रोक
उन्होंने कहा कि अस्पताल का कोई भी डॉक्टर निजी प्रैक्टिस नहीं कर सकते हैं. यदि किसी तरह की कोई शिकायत मिलती है तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. यदि कोई सीसीएल के मजदूर उनके निजी क्लीनिक में जाकर इलाज करवाते हैं और लिखित आवेदन देते हैं तो ऐसे डॉक्टर के ऊपर जरूर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि अस्पताल में जो भी कमी पाई गई है. उसे जल्द से जल्द दूर करने का प्रयास किया जाएगा.
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प्रबंधन के साथ किया वार्ता
कोल इंडिया सेफ्फी बोर्ड के सदस्य अख्तर उस्मानी, सीसीएल सेफ्टी बोर्ड के मेंबर राजेश कुमार सिंह, आईएसओ सीसीएल रांची मुख्यालय मनीष मोहन ने ढोरी और बीएंडके प्रबंधक के साथ मजदूरों की समस्याओं को लेकर वार्ता की. कहा कि मजदूरों को शुद्ध पेयजल, स्वास्थ्य, मजदूरों के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने को लेकर वार्ता किया गया. खनन के दौरान भी पूरी तरह से सुरक्षा का ध्यान रखा जाए, इसपर भी चर्चा की गई.
मौके पर मुख्य रूप से ढोरी जीएम मनोज कुमार अग्रवाल, बीएंडके जीएम एमके राव, एसओएम मेराज अहमद, एसओ सेफ्टी अरविंद शर्मा, एसओपी प्रतुल्ल कुमार, सुरक्षा पदाधिकारी सीताराम नईके, केंद्रीय अस्पताल ढोरी के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अरविंद कुमार, डॉ. आरएन झा, डॉ. पुनित कुमार, क्षेत्रीय सुरक्षा पदाधिकारी एसके झा, पीओ एकेओसीपी राजीव कुमार, पीओ कारो केडी प्रसाद, पीओ बोकारो एंड कारगली केआर सत्यार्थी, प्रबंधक कारो जीएन सिंह गजेंद्र सिंह सहित कई अधिकारी उपस्थित थे.
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