- कंपनी के लिए अधिग्रहित जमीन की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा मैपिंग से
- मैपिंग के बाद खाली जमीन को लीज पर देने का होगा विचार
Ranchi : भारी उद्योग मंत्रालय HEC की जमीन की ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) मैपिंग कराएगा. इस मैपिंग के माध्यम से पता चलेगा कि एचईसी की किस जमीन की क्या स्थिति है. कहां कितनी जमीन पर कब्जा हो गया है. कंपनी की कितनी जमीन खाली है. एचईसी की जमीन पर कहां-कहां झारखंड सरकार के प्रोजेक्ट कंप्लीट हो गए हैं और कहां चल रहे हैं. एचईसी की जमीन की वास्तविक स्थिति जानने के लिए जीआईएस मैपिंग कराने का निर्णय केंद्र सरकार ने लिया है. इस मैपिंग में केंद्र सरकार इसरो से भी मदद लेगा.
केंद्र ने जमीन की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा है
केंद्र सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय ने एचईसी से उसकी जमीन पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा था. एचईसी के पास कितनी जमीन है. जमीन का वह किस प्रकार उपयोग कर रहा है. कितनी जमीन पर अतिक्रमण है. अतिक्रमण हटाने के लिए स्थानीय प्रशासन से संपर्क करने के बाद की स्थिति से अवगत कराने को कहा था. साथ ही खाली जमीन के उपयोग के लिए तैयार योजना की भी जानकारी मांगी है. जमीन के दीर्घकालीन उपयोग की पूरी रिपोर्ट केंद्र सरकार ने एचईसी को सौंपने को कहा है.
एचईसी कारखाना के आधुनिकीकरण का प्रस्ताव तैयार किया गया है. इस योजना से एचईसी की जमीन को भी जोड़ा गया है. हाल के दिनों में एचईसी ने अपनी खाली जमीन को लीज पर देने का प्रस्ताव तैयार किया है और इसके लिए इच्छुक लोगों से आवेदन मांगा था. कुछ सरकारी संस्थानों को लीज पर जमीन देने की सहमति निगम के निदेशक मंडल ने दे दी थी. इसके बाद अब मामला केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए पहुंचा है. केंद्र सरकार एचईसी की जमीन की वर्तमान स्थिति से अवगत होने के लिए जीआईएस मैपिंग कराने का निर्णय लिया है.
क्या है ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम मैपिंग
इसका फुल फॉर्म ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम मैपिंग है. इसके तहत हाई रेजोल्यूशन सेटेलाइट कैमरे की मदद से शहर की या फिर संबंधित स्थानों की मैपिंग कराई जाती है. इसमें प्रत्येक क्षेत्र का विस्तृत ब्योरा दिया जाता है. उसमें सड़क, आवासीय इलाका, पानी, नाला, स्लम बस्ती, खाली जगह, एंगल, डिग्री, संभावना सभी चीजों पर विस्तृत रिपोर्ट बनाई जाती है.