NewDelhi : विज्ञान और तकनीक विभाग द्वारा कोरोना संक्रमण के इलाज में गायत्री मंत्र के जाप और प्राणायाम के प्रभावों के क्लीनिकल परीक्षण के लिए फंड दिये जाने की खबर आयी है. द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, एम्स ऋषिकेश में मरीजों के एक समूह पर क्लीनिकल परीक्षण किया जायेगा. जानकारी के अनुसार औपचारिक तौर पर यह परीक्षण भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री (मानव परीक्षणों के लिए अनिवार्य) के साथ पंजीकृत है. इसका उद्देश्य 20 मध्यम लक्षणों वाले कोविड-19 मरीजों को भर्ती करना है. कहा गया है कि इन्हें दो समूहों में बांटा जायेगा, जहां एक समूह को चौदह दिनों तक सामान्य उपचार के साथ एक सर्टिफाइड योग शिक्षक की निगरानी में जाप और सांस संबंधी व्यायाम करने होंगे.
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देशों की लिस्ट में फिनलैंड टॉप पर, भारत 139वें स्थान पर, पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन भी हमसे आगे मूल्यांकन होगा कि दोनों समूहों के नेगेटिव टेस्ट होने में कितना अंतर था
इसके बाद दोनों समूहों की तुलना इस आधार पर की जायेगी कि जिन्हें अतिरिक्त उपचार मिला क्या उनमें संक्रमण या कोशिकाओं से जुड़े औसत से अधिक सुधार हैं. कोरोना संक्रमण के कारणों में से एक शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की वायरस की उपस्थिति को लेकर सामान्य से अधिक प्रतिक्रिया है, जिसके चलते कोशिकीय सूजन और नुकसान घातक साबित हो सकते हैं. हालांकि कई प्रयोगात्मक थैरेपी उपलब्ध हैं लेकिन स्वास्थ्य स्थिति में सुधार के लिए अब तक कोई दवा कारगर साबित नहीं हुई है.
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गांधी का मोदी सरकार पर आरोप, बोलने की आजादी सिर्फ मन की बात तक ही सीमित है गंभीर रूप से बीमार मरीजों पर इसके प्रभावों का परीक्षण नहीं
सूत्रों के अनुसार अध्ययन गंभीर रूप से बीमार मरीजों पर इसके प्रभावों का परीक्षण नहीं करेंगे. यहां इस बात का मूल्यांकन होगा कि दोनों समूहों के नेगेटिव टेस्ट होने में कितना अंतर था और वे कितने दिनों तक अस्पताल में रहे. इस बात का भी मूल्यांकन होगा कि क्या उनमें थकान और एंग्जायटी (घबराहट) कम हुए हैं. श्वांस रोग विशेषज्ञ और एम्स ऋषिकेश में एसोसिएट प्रोफेसर रुचि दुआ ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि इस अध्ययन के लिए लोगों को भर्ती करना शुरू किया जा चुका है. संस्थान में योग पर शोध करने वाले एक पोस्टडॉक्टोरल शोधार्थी भी इसमें शामिल हैं. हम अगले दो तीन महीनों तक स्वास्थ्य के विभिन्न मानकों को मापेंगे. उन्होंने कोविड संबंधी उपचार, दवा और उपायों के प्रोजेक्ट को विकसित करने के विज्ञान और तकनीक विभाग के एक फंडिंग संबंधी आवेदन को भरा था, जहां से उन्हें इस अध्ययन को पूरा करने के लिए तीन लाख रुपये का फंड दिया गया है.
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ने कहा, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से ताकतवर बनेगा भारत, धर्मांतरण कानून के समर्थन में संघ इलाज की रणनीति में आयुर्वेद और योग को भी शामिल किया गया
दवाओं और टीके के साथ भारत की कोविड-19 के इलाज की रणनीति में आयुर्वेद और योग को भी शामिल किया गया है, खासतौर पर उन लोगों के लिए जिनमें लक्षण नहीं हैं या हल्के लक्षण हैं. इस तरह के आयुर्वेद उपायों के अलावा पतंजलि की कोरोनिल को भी कोविड-19 के ‘उपचार’ के तौर पर देखा जा रहा है, जिसका हल्के लक्षणों वाले मरीजों के एक छोटे समूह पर परीक्षण किया गया है, जिनका अनुभव है कि बिना किसी अन्य विशिष्ट उपाय के वे ठीक हो गये.
कोरोना वायरस के नये मामलों में लगातार 10 दिनों से वृद्धि हो रही है
जान लें कि इससे पहले विज्ञान और तकनीक विभाग द्वारा इस संक्रमण पर योग और वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों के प्रभाव का मूल्यांकन करने वाले अध्ययनों को भी फंड दिया गया है. वर्तमान में देश में कोरोना वायरस के नये मामलों में लगातार 10 दिनों से वृद्धि हो रही है. शनिवार सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 40,953 नए मामले दर्ज किये गये, जो 111 दिनों में एक ही दिन में आये सर्वाधिक मामले हैं. इसके साथ ही देश में संक्रमण के कुल मामले 11,555,284 पर पहुंच गये हैं. देश में अब भी 2,88,394 लोगों इलाज चल रहा है, जो संक्रमण के कुल मामलों का 2.49 प्रतिशत है.
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