2017 में भी बनी थी पॉलिसी
साल 2017 में भी पूर्व सरकार ने माइनर मिनरल पॉलिसी बनायी थी. लेकिन इससे न ही लघु खनिजों के नये खान आंवटित हुए न ही उद्योग लग पाये. सरकार बदलने के बाद खान से जुड़े व्यवसायियों ने इस पर बल दिया. जिसके बाद वर्तमान सरकार ने इस पर काम शुरू किया. माइनर मिनरल पॉलिसी माइनिंग पॉलिसी से अलग है. इसके तहत लघु खनिजों के खनन और आवंटन का प्रावधान होगा. इस पॉलिसी को बनाने में विभाग की ओर से खान एक्सपर्ट्स और खनन से जुड़े लोगों की राय ली गयी है.खनिज आधारित उद्योगों की संभावनाएं बढ़ेंगी
सलाहकार समिति में शामिल निर्मल झुनझुनवाला ने बताया कि राज्य खनिज बहुल इलाका है. वृहत खनिजों को लघु खनिजों में शामिल करने से कई लाभ हैं. सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी. छोटे खनन व्यवसायियों के लिए खनन पट्टा लेना सरल होगा. रोजगार सृजन के साथ, खनिज से जुड़े उद्योगों की संख्या भी बढ़ेगी. निर्यात भी बढ़ेगी. इन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की अधिसूचना के तहत माइका को लघु खनिज में शामिल किया गया है. गिरिडीह और कोडरमा में इसके खान हैं. लेकिन पॉलिसी नहीं होने के कारण खनन नहीं हो रहा. ऐसे में पॉलिसी बनने से झारखंड का माइका पूरे विश्व में निर्यात हो सकता है. बता दें कि वृहत खजिनों के पट्टा केंद्र सरकार देती है, ऐसे में पॉलिसी लागू होने से अब ये बाध्यता खत्म होगी.कौन कौन से खनिज हैं पॉलिसी में शामिल
अगेट,बॉल क्ले, बैराइट्स, कैल्केरियम सैंड, कैल्साइट,चॉक, चीनी मिट्टी, डायस्पर, फेलसाइट, क्ले, डोलोमाइट, पायरोसेलाइट, फेलसाइट, फेल्सपार, क्वार्टजाइट, जिप्सम, जस्पर, कयोलिन, लेटेराइट, चूना कंकड़, अभ्रक, ऑकर, पाइरोफाइलाइट, क्वार्टज, क्वार्ट्जाइट, बालू, शेल, सिलिका बालू, स्लेट और सोपस्टोन शामिल है. इसे भी पढ़ें -साउथ">https://lagatar.in/bauri-furious-over-comparison-with-south-indian-goon-said-irfan-ansari-should-apologize-publicly-in-24-hours/92778/">साउथइंडियन गुंडे से तुलना पर भड़के बाउरी, कहा- 24 घंटे में सार्वजनिक माफी मांगें इरफान वरना कर देंगे इलाज [wpse_comments_template]