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देशभर में ऑक्सीजन की कमी, मोदी सरकार ने 9292 मीट्रिक टन निर्यात कर दी, अब आयात करेगी

Girish Malviya
देश के हर हिस्से से ऑक्सीजन की कमी की खबरें आ रही हैं. ऐसे में आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 की तीन तिमाहियों में लगभग 9,294 मीट्रिक टन ऑक्सीजन एक्सपोर्ट कर दी !
मनी कंट्रोल वेबसाइट की एक रिपोर्ट बताती है - “Official">https://www.moneycontrol.com/news/business/economy/exclusive-india-exported-nearly-9300-metric-tonnes-of-oxygen-in-fy21-as-pandemic-rolled-on-6792711.html">“Official

figures show that in just the first three quarters of 2020-21, 9294 MT of oxygen was exported from the country, more than double the 4502 MT exports in the previous year. The vast majority of Oxygen headed to neighboring nation Bangladesh.”

निर्यात की जाने वाली ऑक्सीजन लिक्विड फॉर्म में होती है. यह वही लिक्विड ऑक्सीजन है, जिसे लेकर देश भर के हाइवे पर इस वक्त टैंकर दौड़ रहे हैं. तब भी पूर्ति नहीं कर पा रहे, दिल्ली जैसे राज्य में ऑक्सीजन शार्टेज है. झारखंड, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार सब जगहों पर हॉस्पिटल में ऑक्सीजन कम पड़ रही है.
आपको याद दिला होगा कि 1 अप्रैल 2020 से नया वित्तवर्ष चालू हुआ था. तब से ही कोरोना बीमारी देश मंे तांडव मचा रही है. सब जानते थे कि ऑक्सीजन हॉस्पिटल में कितनी जरूरी है. ऐसे में 9,294 मीट्रिक टन (एमटी) ऑक्सीजन को निर्यात होने दिया गया.
अब सबसे बड़ा जोक भी पढ़ लीजिए. 4 दिन पहले की खबर है कि मोदी सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अब विदेश से 50,000 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन आयात की जाए. इसके लिए टेंडर जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
इस बीच राज्य सरकार जब ऑक्सीजन की मांग करती है, तो केंद्र सरकार लगातार.. दावा करती है कि देश में पर्याप्त ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता है. अगर सच में हमारे पास क्षमता है, तो सरकार इम्पोर्ट क्यों कर रहे हैं.
सीधी सी बात है कि सरकार को यह तैयारी कर के रखनी चाहिए थी कि अगर बीमारी तेजी से फैली तो ऑक्सीजन की आपूर्ति आप बढ़ती हुई मांग के हिसाब से तुरन्त कर पाये. लेकिन सरकार ने वह नहीं किया.

मनी कंट्रोल की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जो ऑक्सीजन भारत से निर्यात हुई है, उसे लिंडे बांग्लादेश ने खरीदा है. फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि यह लिंडे कंपनी ढाका और चटगांव जैसे बड़े शहरों में 90 प्रतिशत मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति करती है.

अब बताइये ! क्या मोदी सरकार की यह अदूरर्शिता नहीं है.. आपने अपने यहां प्रोड्यूस की गई लिक्विड ऑक्सीजन बांग्लादेश भिजवा दी और अब आप दूसरे देशों से कह रहे हो आप हमें ऑक्सीजन भेजो.
देश के गृहमंत्री कहते हैं कि राज्य ज्यादा ऑक्सीजन मांग रहे हैं. ऑक्सीजन में राजनीति की जा रही है. कैबिनेट मिनिस्टर पीयूष गोयल कह रहे हैं कि राज्य सरकारें ऑक्सीजन की मांग पर काबू रखें. कोरोना पर नियंत्रण राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. आईटी सेल ने मैसेज फॉरवर्ड करने का बोल दिया है कि “योगी जी ने हफ्ते भर में 10 ऑक्सीजन प्लांट लगा दिए हैं उनसे सप्लाई शुरू हो गयी है. उद्धव ठाकरे क्या कर रहा है ?” हकीकत यह है कि प्लांट लगाने भर की सिर्फ घोषणा हुई है.

मतलब कमाल की बेवकूफियां चल रही है देश में ! अब आप ही बताइए कि ऐसे महामारी के माहौल में ऑक्सीजन के एक्सपोर्ट को रोकने का फैसला महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लेंगे, किसी राज्य के सीएम लेंगे या देश के प्रधानमंत्री मोदी जी लेंगे !
समझ नहीं आता कि भारत में अचानक इतने जड़ बुद्धि लोग कहां से आ गए. जो खुद तो सही सवाल नहीं पूछते, बल्कि दूसरे को सही सवाल पूछने पर गाली बकने को तैयार रहते हैं.
डिस्क्लेमर : ये लेखक के नजी विचार हैं.

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