एटीएस के मेजर जनरल के पद पर रहे आसीन, पोस्टल विभाग में चीफ मार्शल बन हुए थे रिटायर्ड
Amarnath Pathak
Hazaribagh : मां की ममता क्या होती है, पूछो उस इंसान से, जिसने उसकी पूजा की है, बढ़कर भी भगवान से…मदर्स डे के ठीक एक दिन पहले हजारीबाग की एक ऐसी शख्सियत का अपनी मां के प्रति प्रेम की दास्तां सामने आयी कि सुननेवालों की आंखें नम हो गईं. राजद नेता सह समाजसेवी व शांति समिति सदस्य संजर मलिक बताते हैं कि जीवित अवस्था में सेवानिवृत्त आईपीएस ऑफिसर राजन शाह (70 वर्ष) ने अपनी अंतिम इच्छा जताई थी कि उन्हें उसी कब्र में दफन किया जाए, जहां उनकी मां तरेशा शाह को दफनाया गया था. परिजनों ने उनकी अंतिम अभिलाषा पूरी की. राजन के भाई शैलेश शाह ने बताया कि हजारीबाग निवासी सेवानिवृत्त आईपीएस ऑफिसर राजन शाह का निधन हार्ट अटैक से शुक्रवार को कोलकाता में हो गया. सिर्फ उनकी अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए उनका पार्थिव शरीर हजारीबाग फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित आवास लाया गया. शनिवार को पार्थिव शरीर को कैथोलिक आश्रम में रखा गया. फिर हुरहुरू कब्रिस्तान ले जाया गया. बिशप आनंद जोजो की अगुवाई में धर्मगुरुओं ने ईसाई रीति रिवाज से उनके पार्थिव शरीर को उनकी माता की कब्र खोदकर उसमें ही स्थान दिया गया. दिवंगत अगस्टयन शाह के सात बेटों और दो बेटियों में सबसे बड़े भाई राजन शाह कोलकाता में आईपीएस ऑफिसर के रूप में सेवा दी. एटीएस के मेजर जनरल के पद पर आसीन रहे. फिर पोस्टल विभाग में चीफ मार्शल (पीएमजी) के पद पर सेवा देने के बाद वर्ष 2015 में रिटायर्ड हुए. उनके एक भाई दिवंगत सुशील शाह अमेरिका में कार्डिनल थे. एक भाई शैलेश शाह संत अगस्टियन स्कूल के डायरेक्टर हैं.
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मौके पर उनके अन्य भाई अरविंद शाह, राजू शाह, राकेश शाह, बहन गलोरी शाह, सारिका शाह, बहनोई डॉ. केके शाह, प्रांजल शाह भी मौजूद थे. अंतिम संस्कार में शामिल एजाज खान, तबरेज कल्लू समेत कई गणमान्य लोगों ने कहा कि मां के प्रति राजन शाह का अनोखा प्रेम उन संतानों के लिए सीख है, जो बोझ समझकर बुजुर्ग मां-बाप को ओल्ड एज होम में भेज देते हैं.
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