लक्षणों को न करें नजरअंदाज, समय रहते इलाज जरूरी Ranchi : हर साल 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी के प्रति जागरूक करना है. डेंगू एक वायरल संक्रमण है, जो एडिस मच्छर के काटने से फैलता है. यह मच्छर खासतौर पर दिन में काटता है और साफ पानी में पनपता है.
मानसून के बाद बढ़ते हैं डेंगू के खतरे बरसात के मौसम में जहां-तहां पानी इकट्ठा हो जाता है, जिससे मच्छर जल्दी पनपते हैं. यही कारण है कि मानसून के बाद डेंगू के मामलों में तेजी से इजाफा होता है. देशभर में हर साल हजारों लोग इसकी चपेट में आते हैं और सही समय पर इलाज न होने पर यह जानलेवा भी साबित होता है.
डेंगू के प्रमुख लक्षण : तेज बुखार सिर और बदन दर्द आंखों के पीछे दर्द उल्टी या जी मचलाना स्किन पर लाल चकत्ते
ध्यान दें कि कई बार बुखार उतर जाने के बाद भी डेंगू के गंभीर लक्षण उभर सकते हैं. इसलिए लक्षणों को हल्के में न लें और समय रहते जांच कराएं. डेंगू होने पर क्या करें : तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर पिएं. नारियल पानी और अन्य तरल पदार्थों का सेवन करें, ताकि शरीर में पानी की कमी ना हो. विटामिन C युक्त फल जैसे संतरा, आंवला खाएं. बुखार होने पर सिर्फ पैरासिटामोल लें, लेकिन एस्पिरिन और ब्रूफेन जैसी दवाओं से बचें. जरूरत पड़े तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें.
डेंगू से बचाव के उपाय: घर और आसपास पानी जमा न होने दें. कूलर, टंकी, फूलदान, पुराने टायर आदि का पानी हर 2-3 दिन में जरूर बदलें. पानी जमा होने वाले स्थानों पर मिट्टी का तेल या पेट्रोल डालें. पूरी बाजू के कपड़े पहनें. खिड़की-दरवाजों पर जाली लगाएं. मच्छरदानी और मच्छर भगाने वाली क्रीम का उपयोग करें.
ध्यान रखें : बचाव ही सबसे बेहतर इलाज है. डेंगू से जुड़े कोई भी लक्षण नजर आये तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. जागरूक रहें, सतर्क रहें और दूसरों को भी जागरूक करें.