Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) के अंतर्गत शहर के स्किल सेंटर से प्रशिक्षण का लाभ युवाओं को नहीं मिल रहा है. अधिकतर युवा प्रशिक्षण लेने के बाद भी बेरोजगार घूम रहे हैं. ताजा आंकड़ों की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2021-22 में 3025 युवाओं ने प्रशिक्षण के लिए निगम में रजिस्ट्रेशन कराया था. इनमें से मात्र 240 लोगों को ही रोजगार प्राप्त हुआ. 2785 युवा प्रशिक्षण लेने के बाद भी बेरोजगार रह गए. वित्तीय वर्ष 2022-23 में तो अभी तक किसी का रजिस्ट्रेशन ही नहीं हुआ है. कई पुराने ट्रेड का ही प्रशिक्षण चल रहा है.
किस ट्रेड का चल रहा है प्रशिक्षण
शहरी क्षेत्र के धनबाद में 3, छाता टांड़ में 1 तथा सिंदरी अंचल में 1 स्किल प्रशिक्षण केंद्र है, जहां वस्त्र निर्माण, ब्यूटीशियन, वेल्डिंग, मोबाइल रिपेयरिंग, नर्सिंग और इलेक्ट्रिकल वस्तुओं की रिपेयरिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इनमें से कुछ ट्रेड का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है, अन्य का प्रशिक्षण अंतिम चरण में है. लेकिन रोजगार के नाम पर कुछ नहीं.
मुख्यमंत्री श्रमिक योजना भी हुई फेल
केंद्र के नक्शे कदम पर राज्य की योजनाएं भी चल रही हैं. रोजगार के नाम पर युवाओं को सिर्फ प्लास्टिक का कार्ड थमाया जा रहा है. मनरेगा की तर्ज पर शहरी बेरोजगारों के लिये शुरू की गई मुख्यमंत्री श्रमिक योजना के तहत अभी तक 10,087 युवाओं ने नगर निगम में रजिस्ट्रेशन कराया है. लेकिन रोजगार सिर्फ 875 को मिला. हालांकि योजना के शुरू हुए 2 साल से अधिक वक्त बीत चुका है.
नहीं मिलता है रोजगार भत्ता
मुख्यमंत्री श्रमिक योजना के तहत शहरी युवाओं को 100 दिन का रोजगार देना अनिवार्य है. रोजगार नहीं उपलब्ध कराने पर रोजगार भत्ता देना है. निगम ने कुछ युवाओं को शहर की सफाई और भवन निर्माण कार्य में रखा है. प्रति दिन के हिसाब से उन्हें 327 रुपये मेहनताना दिया जाता है.
क्या कहते हैं जबाबदेह
एनयूएलएम का काम देख रहे नगर मिशन मैनेजर चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण दो साल तक प्रशिक्षण प्रभावित रहा. फिर भी 2020-21 में 1075 युवाओं का प्रशिक्षण पूरा कराया. 2021-22 का प्रशिक्षण भी कोरोना के कारण लेट हो गया. इस कारण अभी तक प्रशिक्षण चल रहा है. नए सेशन का प्रशिक्षण इसी साल सितंबर तक शुरू होने की उम्मीद है. इस साल कुल 570 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया है. कई युवा अपने शहर से बाहर नहीं जाना चाहते. कुछ कम सैलरी के कारण काम छोड़ देते हैं. रोजगार नहीं मिलने का यह भी एक कारण है.
यह भी पढ़ें: धनबाद: तेज रफ्तार कार बिजली पोल में टक्कर मार कर झोपड़ी में घुसी
Leave a Reply