alt="डॉ. शमामा अनवर" width="160" height="160" /> डॉ. शमामा अनवर[/caption] कार्यशाला की शुरुआत डॉ. शमामा अनवर (सहायक प्रोफेसर, सीएसई विभाग, बीआईटी मेसरा) के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और भूविज्ञान के बीच अंतःविषय सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बात की। [caption id="attachment_1002465" align="aligncenter" width="160"]
alt="डॉ. अभिजीत मुस्तफी" width="160" height="160" /> डॉ. अभिजीत मुस्तफी[/caption] सीएसई विभाग के प्रमुख, डॉ. अभिजीत मुस्तफी ने इस प्रकार के कार्यशाला के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "यह कार्यशाला विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं को एक मंच पर लाकर खनिज लक्षण निर्धारण के लिए एआई-संचालित समाधानों की खोज का अवसर प्रदान करती है।" कार्यशाला में डॉ. राजू पोद्दार, डीन अनुसंधान, इनोवेशन एवं एंटरप्रेन्योरशिप, द्वारा एक तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें उन्होंने खनिज लक्षण निर्धारण के लिए मशीन लर्निंग और इमेज प्रोसेसिंग तकनीकों की विस्तृत जानकारी दी। [caption id="attachment_1002468" align="aligncenter" width="600"]
alt="श्री राजीव कुमार सिंह, महाप्रबंधक, सीएमपीडीआई, रांची" width="600" height="400" /> श्री राजीव कुमार सिंह, महाप्रबंधक, सीएमपीडीआई, रांची[/caption] मुख्य अतिथि श्री राजीव कुमार सिंह, महाप्रबंधक (एक्सप्लोरेशन), सीएमपीडीआई, रांची ने अपने उद्घाटन भाषण में खनिज संसाधन प्रबंधन और खोज में इमेज प्रोसेसिंग व मशीन लर्निंग तकनीकों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने सीएमपीडीआई द्वारा इस क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों को भी रेखांकित किया। कार्यशाला में छात्रों, शोधकर्ताओं और संकाय सदस्यों की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जिन्हें सफलतापूर्वक कार्यशाला पूर्ण करने पर प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। प्रतिभागियों ने व्यावहारिक अभ्यास और चर्चाओं में भाग लिया, जिससे यह कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण शिक्षण अनुभव साबित हुआ। संयोजक डॉ. शमामा अनवर और डॉ. सुब्रजीत महापात्र ने सभी वक्ताओं, प्रतिभागियों और आयोजकों को इस कार्यशाला को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया। यह कार्यशाला वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व (SSR) नीति के अनुरूप थी, जिससे ज्ञान और अनुसंधान विकास को व्यापक रूप से प्रसारित किया जा सके।