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सरायकेला में 5 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी नक्सली NIA की रिमांड पर

Ranchi : सरायकेला जिले के तरूलडीह थाना के पांच पुलिसकर्मियों की भाकपा माओवादियों के द्वारा हत्या की जांच एनआईए कर रही है. इस मामले में एनआईए ने नक्सली बिरसा मुंडा उर्फ नैना को रिमांड पर लिया है.

एनआईए ने नक्सली बिरसा मुंडा को रिमांड पर लिया था

गौरतलब है कि इससे पहले भी एनआईए ने नक्सली बिरसा मुंडा को रिमांड पर लिया था. एनआईए ने उसके निशानदेही पर बीते नौ फरवरी को खूंटी जिले के कोरंगबुरु पहाड़ी के जीलिंगकेल में घने जंगल से 100 मीटर कोडेक्स वायर और 126 जिलेटिन की छड़ें बरामद किया था. एक फरवरी 2020 को भाकपा माओवादी के सब जोनल कमांडर बोयदा पाहन दस्ते के सक्रिय सदस्य बिरसा मुंडा उर्फ नैना उर्फ बिरसा बिरहोर को खूंटी पुलिस ने रांची के अनगड़ा थाना क्षेत्र के एक निजी नर्सिंग होम से गिरफ्तार किया था.

5 पुलिसकर्मियों की भाकपा माओवादियों के द्वारा हत्या की जांच एनआईए कर रही है

सरायकेला-खरसांवा के तरूलडील थाना के पांच पुलिसकर्मियों की भाकपा माओवादियों के द्वारा हत्या की जांच एनआईए कर रही है. एनआईए ने इस मामले में कांड संख्या 39/2020 दर्ज कर ममाले की जांच कर रही है. एनआईए ने झारखंड पुलिस के समक्ष सरेंडर कर चुके उग्रवादी कमांडर बोयदा पाहन समेत 14 उग्रवादियों को नामजद आरोपी बनाया है.

 किस- किस को एनआईए ने बनाया आरोपी

एनआईए ने इस मामले में सरायकेला- खरसांवा पुलिस के द्वारा गिरफ्तार व चार्जशीटेड माओवादियों, माओवादी समर्थकों को नामजद आरोपी बनाया है. एनआईए ने चौका के सुनील टुडू, श्रीराम मांझी, नरेश उर्फ रामू लोहरा, इचागढ़ के बुधराम मार्डी, आलमगीर अंसारी, तबारक अंसारी, कुचाई के मंगल टोपनो, तमाड़ के जोसेफ पूर्ति, एनम हेस्सा पूर्ति, खरसांवा के लखन सरदार, सोयना सिंह सरदार, राकेश मुंडा उर्फ सुखराम मुंडा, नैना उर्फ बिरसा बिरहोर और पुलिस के समक्ष सरेंडर कर चुके मुरहू के बोयदा पाहन को आरोपी बनाया है.

 क्या है मामला

14 जून को तीरूलडीह के कुकुरूहाट बाजार में भाकपा माओवादियों ने पेट्रोलिंग करने निकली पुलिस टीम पर हमला कर पांच पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था. वहीं हत्या के पास दो पिस्टल, 70 जिंदा कारतूस, तीन इंसास राइफल व उसकी 550 राउंड कारतूस, 10 मैगजीन, मोबाइल फोन, पुलिसकर्मियों के बैलेट माओवादियों ने लूट लिए थे. घटना को अंजाम देने के बाद भागने के क्रम में पुलिस वाहन को भी आग के हवाले कर दिया गया था. वायरलेस के जरिए थाने को सूचना न दी जा सके, इसके लिए वायरलेस भी माओवादियों ने लूट लिया था.

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