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राज्य में अब तक ना दो प्रोबेशन निदेशालय बना ना ही अफसरों के प्रमोशन के लिए पद

Ranchi: झारखंड राज्य गठन के बाद से अब तक ना तो प्रोबेशन निदेशालय का गठन किया गया है ना ही अफसों की प्रोन्नति के लिए पद ही सृजित हो सका है. पद सृजन से जुड़ी फाइल पिछले तीन साल से आइजी प्रीजन और गृह विभाग के बीच घूम रही है.

 

राज्य प्रशासनिक सेवा की तरह जेल के लिए प्रोबेशन सेवा के लिए अधिकारियों का चयन राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा किया जाता है. प्रोबेशन सेवा के अधिकारियों पर कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां हैं. इसमें Probation of offenders act 1958 के प्रावधानों के तहत कोर्ट को रिपोर्ट देना, Juvenile justice act के तहत Social invetifation report(SIR) और  Sentence review board(SRB) को रिपोर्ट देना शामिल है.

 

प्रोबेशन अधिकारी PO act के तहत किसी व्यक्ति द्वारा पहली बार किये गये non cognizable offence पर अपराध से संबंधित अपनी रिपोर्ट न्यायालय को देते हैं. Juvenile justice act के सामाजिक अनुसंधान रिपोर्ट (SIR) न्यायालय को देते है. इसके अलावा 20 साल या आजीवन सजा पाये अपराधियों को समय से पहले जेल से रिहा करने के मामले में अपनी रिपोर्ट सजा पुनरीक्षण बोर्ड के देते हैं. इसमें अपराधी को समय से पहले छोडने पर पड़ने वाले प्रभावों का उल्लेख किया जाता है.

 

प्रोबेशन अधिकारियों के काम काज को देखते हुए प्रोबेशन निदेशालय के गठन का प्रावधान है. लेकिन राज्य में अब तक प्रोबेशन निदेशालय का गठन नही हुआ है. साथ ही प्रोबेशन अधिकारियों की प्रोन्नति के लिए पदों का सृजन नहीं हुआ. राज्य में फिलाहाल 40 प्रोबेशन अधिकारी कार्यरत हैं. इसमें से करीब 20 अधिकारी 1995 में 40 वीं बिहार लोक सेवा आयोग की अनुशंसा के आलोक में नियुक्त हुए थे.

 

प्रोबेशन सेवा के शेष अधिकारी झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा नियुक्त किये गये है. प्रोन्नति के लिए पद सृजित नहीं होने की वजह से 40 वीं बैच के प्रोबेशन अधिकारी मूल कोटि में ही रिटायर हो रहे हैं.

 

तत्कालीन कारा महानिरीक्षक मनोज कुमार ने 2022 में प्रोबेशन अधिकारियों की प्रोन्नति के लिए पद सृजित करने और पद सोपान बनाने का प्रस्ताव दिया था. लेकिन या फाइल पिछले तीन साल से इधर उधर चक्कर लगा रही है.

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