Ranchi: रिम्स में न्यूरो की समस्या से पीड़ित मरीज जो न्यूरोफिजिशियन से इलाज कराने अस्पताल पहुंचते थे उनके लिए बुरी खबर है. 40 साल बाद रिम्स में न्यूरोलॉजी विभाग खोली गई. दो विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की गई. इसमें एक चिकित्सक ने रिम्स छोड़ दिया है. न्यूरो विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अनीषा थॉमस की सेवा अस्पताल से खत्म हो चुकी और चार दिन पहले वे वापस लौट गई. उन्होंने तीन महीने पहले ही इस्तीफा दिया था, नोटिस पीरियड खत्म होने के बाद उन्होंने सेवा समाप्त की है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विभाग के दो चिकित्सकों में पद को लेकर अपसी मतभेद था. हालांकि डॉ. अनीषा ने रिम्स छोड़ने का कारण पारिवारिक बताया है. न्यूरोलॉजी के अलावा रिम्स के कैंसर विभाग के भी चिकित्सक डॉ. अलोक ने इस्तीफा दिया था. वे भी हाल ही में रिम्स छोड़ चुके हैं. सूत्रों की माने तो इनके अलावा अस्पताल के और भी कई चिकित्सक रिजाइन करने का मन बना रहे हैं. चिकित्सकों का प्रोमोशन का मामला लंबे समय से लटका हुआ है. प्रबंधन की कार्यप्रणाली से दर्जनों चिकित्सक नाखुश हैं.
एक ओर जहां सुपरस्पेशियलिस्ट चिकित्सक रिम्स छोड़ रहे हैं, वहीं प्रबंधन नए विभाग शुरू करने व नए विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति करने पर ध्यान नही दे रही. पांच साल से अधिक समय से हाईकोर्ट रिम्स में पांच नए विभाग खोलने के लिए फटकार लगा रही है. इन विभागों में न्यूक्लियर मेडिसीन, इंडोक्रिनोलॉजी, गैसट्रोइंडोक्रिनोलॉजी, फिजिकल मेडिकल रिहैब (पीएमआर) एवं हेमटलॉजी विभाग शामिल है. हाईकोर्ट लगातार सरकार व रिम्स को रिमाइंडर दे रहा है लेकिन प्रबंधन इस दिशा में कोई काम नही कर रही है.
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RMCH से रिम्स बने 20 साल हो गए, लेकिन पेट के इलाज के लिए अब तक कोई स्पेशलिस्ट नहीं
राजेंद्र मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की स्थापना 1960 में हुई थी. शुरूआत के 40 साल तो दूर, इधर, आरएमसीएच को रिम्स में तब्दील हुए 20 साल हो चुके हैं. बावजूद यहां अब तक पेट संबंधित बीमारी का इलाज करने के लिए कोई स्पेशलिस्ट डॉक्टर नही है. पेट संबंधित रोग का इलाज मेडिसिन व अन्य विभाग के चिकित्सक करते है. मरीज की स्थिति गंभीर होने पर मरीज को रिम्स से छूट्टी देकर प्राइवेट अस्पताल भेजने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नही होता. नतीजन पेट का इलाज कराने के लिए मरीजों को प्राइवेट अस्पताल का रूख करना पड़ता है.
रिम्स में नही हैं ये विभाग
– न्यूक्लियर मेडिसीन
– इंडोक्रिनोलॉजी
– गैस्ट्रोइंडोक्रिनोलॉजी
– फिजिकल मेडिकल रिहैब (पीएमआर)
– हेमटलॉजी विभाग
2019 में हाईकोर्ट के समक्ष सरकार ने रखा था पक्ष,रिम्स से प्रस्ताव मांगने की कही थी बात
रिम्स में इन पांच विभागों को शुरू करने के सवाल पर हाईकोर्ट ने सरकार का पक्ष जाना था. इस पर सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिलाया था कि सरकार इस दिशा में अग्रसर है और जल्द अस्पताल में इसकी शुरूआत करने की बात कही थी. सरकार की ओर से कहा गया था कि पांचों विभाग शुरू करने के लिए रिम्स से प्रस्ताव मांगा जाएगा. प्रस्ताव मिलने के बाद केंद्र सरकार के सहयोग से इन विभागों को खोलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, ताकि राजधानी में ही मरीजों को संबंधित बीमारी की सुविधा मिलने लगेगी.
रिम्स निदेशक ने कहा, कोविड के बाद इस दिशा में की जाएगी पहल
इधर, रिम्स निदेशक डॉ. कामेश्वर प्रसाद का कहना है कि नए विभाग शुरू होने की प्रक्रिया चल रही है. कोविड के कारण प्रक्रिया में देरी हो रही है. अभी कोई नहीं बता सकता कि तीसरी लहर नहीं आएगी. इसलिए जैसे ही तीसरी लहर की संभावना कम होगी वैसे ही इस प्रक्रिया में तेजी लायी जाएगी. नए सुपरस्पेशियलिटी विभागों को ही शुरू करने के लिए सुपरस्पेशियलिटी विंग का एक्सटेंशन कर विंग टू बनाने की तैयारी है. जल्द मरीजों को इन विभागों का लाभ मिलने लगेगा.
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