Search

चीन में तख्तापलट की खबरें, कई दिनों से नहीं दिखे शी जिनपिंग

Lagatar Desk
खबरें यह आ रही है कि चीन में तख्तापलट हो गया है. चीन के राष्ट्रपति लापता हैं. वह पिछले कई दिनों से पब्लिकली नहीं दिखे हैं. इसे लेकर मीडिया में कई तरह की खबरें हैं, जिनमें यह कहा जा रहा है कि चीन में तख्तापलट हो गया है. उनके करीबी सेना के अफसरों को हटा दिया गया या छुट्टी पर भेज दिया गया है. 


मीडिया में अलग-अलग तरह की खबरें आ रही हैं. हम यहां अलग-अलग मीडिया प्लेटफॉर्म पर आ रही खबरों को रख रहे हैं. हालांकि यह पहला मौका नहीं है, वर्ष 2022 में भी ऐसी खबरें सामने आयी थी. हालांकि कुछ दिनों बाद सी जिनपिंग वापस लौट आये थे.

 

न्यूज 18 ने लिखा है कि हाल की कुछ खबरों के अनुसार, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग 21 मई से 5 जून 2025 तक सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आये थे, जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई अटकलें और अफवाहें उड़ीं.  इस दौरान न तो उनका कोई आधिकारिक दौरा हुआ, न ही कोई बयान जारी हुआ और न ही चीनी सरकारी मीडिया में उनकी तस्वीरें या खबरें प्रकाशित हुईं.  इस 16 दिन की अनुपस्थिति सत्ता परिवर्तन, आंतरिक गुटबाजी, या तख्तापलट की अफवाहों को जन्म दे रही है

.  

शी जिनपिंग के गायब रहने के दौरान उनकी जगह चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग और उप-प्रधानमंत्री हे लीफेंग ने विदेश मेहमानों से मुलाकात की. यही नहीं, देश के सबसे प्रभावशाली अखबार पीपल्स डेली और सरकारी एजेंसी शिन्हुआ तक ने 2 से 5 जून के बीच जिनपिंग की एक भी तस्वीर नहीं छापी. 

 

मनी कंट्रोल के अनुसार शी जिनपिंग के 15 दिन से नजर नहीं आने से अटकलें और अफवाहें फैल रही हैं.  इस अवधि में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के भीतर सत्ता परिवर्तन की अटकलें तेज हुईं हैं.  कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि शी जिनपिंग की सत्ता पर पकड़ कमजोर हो रही है. माना जा रहा है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के शीर्ष नेतृत्व में कुछ बड़े आंतरिक बदलाव चल रहे हैं. हालांकि, खुफिया सूत्रों का कहना है कि शी का इस तरह गायब होना नयी बात नहीं है, क्योंकि चीन में बड़े नेताओं को साइडलाइन करने की परंपरा रही है.

 

सूत्रों के अनुसार  इससे पहले भी तीन बड़े नेताओं को सिर्फ नाम के पदों पर बैठाकर हटा दिया गया था. अब भी असली सत्ता CCP के कुछ पुराने गुटों के हाथ में है. जनरल झांग योक्शिया, जो कि सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के पहले उपाध्यक्ष हैं, फिलहाल सबसे ताकतवर माने जा रहे हैं। उन्हें पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ गुट का समर्थन हासिल है. 

 

खुफिया एजेंसियों ने इस बात की भी ओर इशारा किया है कि पिछले कुछ समय से सरकारी मीडिया में शी जिनपिंग थॉट जैसे शब्दों का इस्तेमाल न के बराबर हो गया है,   

 

नवभारत टाइम्स इसे आर्थिक और सैन्य संदर्भ में देख रहा है. इसके अनुसार  वर्तमान में  चीन आर्थिक चुनौतियों से घिरा हुआ है. वह 15फीसदी युवा बेरोजगारी और रियल एस्टेट संकट से जूझ रहा है. शी जिनपिंग की अगुआई में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को हटाया गया है, इसमें नौसेना प्रमुख और एक शीर्ष न्यूक्लियर साइंटिस्ट शामिल हैं. अखबार के अनुसार  यह पहली बार नहीं है जब शी जिनपिंग की अनुपस्थिति ने चर्चा को जन्म दिया है,  

 

टाइम्स  के अनुसार 2022 में भी SCO शिखर सम्मेलन के बाद उनके नजरबंद होने की अफवाहें उड़ी थीं, जो बाद में गलत साबित हुईं. शी जिनपिंग के गायब होने की खबरें मुख्य रूप से अटकलों और अनिश्चितताओं पर आधारित हैं.  चीनी सरकार ने इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया, और ऐसी खबरें पहले भी अफवाह साबित हो चुकी हैं.  

 

एबीपी न्यूज के अनुसार कुछ विश्लेषकों का मानना है कि शी की अनुपस्थिति आंतरिक राजनीतिक समीकरणों को संभालने या भ्रष्टाचार विरोधी अभियान से जुड़ी हो सकती है.  अन्य का कहना है कि यह स्वास्थ्य कारणों या नियोजित रणनीति का हिस्सा हो सकता है.  हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

 

एबीपी न्यूज  ने लिखा कि शी जिनपिंग जब गायब थे तो चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग और उप प्रधानमंत्री हे लीफेंग ने विदेश मेहमानों से मुलाकात की. बताया जा रहा है कि आंतरिक गुटबाजी से निपटने के लिए ऐसा किया गया. चीन के पूर्व विदेश मंत्री किन गैंग और पूर्व रक्षा मंत्री ली शांगफू भी अपने पदों से हटाए जाने से पहले सार्वजनिक रूप से गायब हो गये थे.

 

 इन अटकलों के बावजूद, शी जिनपिंग अब भी चीन के सर्वोच्च नेता के रूप में अपनी स्थिति बनाए हुए हैं. उनकी अनुपस्थिति को लेकर कोई ठोस सबूत नहीं मिला है जो तख्तापलट या सत्ता परिवर्तन की पुष्टि करता हो.  पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना(विदेश मंत्रालय) की हाल की खबरों में उनकी गतिविधियां, जैसे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भागीदारी और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात, उनकी सक्रियता को दर्शा रही है.   


Follow us on WhatsApp