रांची में खुला है एनआईए का नया ब्रांच
राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए का झारखंड की राजधानी रांची में बीते 5 नवंबर को एक नए शाखा कार्यालय का उद्घाटन किया था. एनआईए के महानिदेशक वाई सी मोदी ने झारखंड के तत्कालीन डीजीपी एमवी राव और राज्य प्रशासन और केंद्रीय एजेंसियों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में कार्यालय का उद्घाटन किया था. एनआईए ने जून 2017 में रांची में एक कैंप कार्यालय स्थापित किया था. राजधानी का धुर्वा थाना एनआईए का थाना बना है. राज्य के एनआईए से संबंधित मामले धुर्वा थाना में दर्ज होते हैं. एनआईए ब्रांच रांची का अधिकार क्षेत्र झारखंड और बिहार राज्य तक फैला हुआ है. वर्तमान में एनआईए ब्रांच रांची टेरर फंडिंग, माओवाद उग्रवाद, मानव तस्करी समेत 14 मामले की जांच कर रही है. इसे भी पढ़ें - म्यांमार">https://lagatar.in/massacre-of-those-seeking-democracy-in-myanmar-silence-and-adani-group-of-government-of-india/43768/">म्यांमारमें लोकतंत्र मांगने वालों का नरसंहार, भारत सरकार की चुप्पी और अडानी ग्रुप
रांची शाखा की रायपुर पर निर्भरता खत्म हुई
एनआइए की रांची शाखा की अब रायपुर पर निर्भरता खत्म हो गयी है. इससे पहले एनआइए की रांची इकाई का नियंत्रण रायपुर शाखा के अधीन था. बीते 28 सितंबर को केंद्र सरकार की अनुमति के बाद रांची को अलग शाखा की शक्ति मिल गयी थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश में एनआइए की तीन नई शाखाओं को स्वीकृति दी थी. इनमें रांची के अलावा इंफाल व चेन्नई शामिल था. रांची शाखा के शुरू होने से किसी भी आकस्मिक स्थिति में आतंकवाद के विरूद्ध अनुसंधान में एनआइए को त्वरित कार्रवाई का मौका मिल रहा है. इससे एनआइए की ताकत और बढ़ेगी. समय से अनुसंधान के अलावा साक्ष्य संकलन में भी सहयोग मिल रहा है. वर्तमान में देश में एनआइए की नौ शाखाएं हैं. इनमें गुवाहाटी, मुंबई, जम्मू, कोलकाता, हैदराबाद, कोच्चि, लखनऊ, रायपुर व चंडीगढ़ की शाखा शामिल हैं. तीन अन्य शाखाएं शुरू होने से देश में एनआइए की कुल 12 शाखाएं हो गयी है सभी शाखाएं नई दिल्ली स्थित मुख्यालय से नियंत्रित होती हैं. इसे भी पढ़ें - पुदुच्चेरी">https://lagatar.in/puducherry-allegations-on-bjp-misuse-of-aadhaar-for-election-campaigning-the-high-court-said-can-we-postpone-the-election/43753/">पुदुच्चेरी: भाजपा पर आरोप, चुनाव कैंपेनिंग के लिए आधार का गलत इस्तेमाल किया, हाईकोर्ट के तेवर तल्ख कहा, चुनाव टाल दें क्या?