गडकरी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह करेंगे कि देश में जीवन रक्षक दवाओं का उत्पादन बढ़ाने के लिए, दवा कंपनियों को मंजूरी देने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए
NewDelhi : कोरोना संकट के मीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सुझाव दिया है कि कोरोना रोधी टीके का उत्पादन बढ़ाने के लिए कुछ और दवा कंपनियों को इसके उत्पादन की मंजूरी दी जानी चाहिए. बता दें कि श्री गडकरी मंगलवार को विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित कर रहे थे.
इस क्रम में नितिन गडकरी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी से इस बारे में आग्रह करेंगे कि देश में जीवन रक्षक दवाओं का उत्पादन बढ़ाने के लिए और दवा कंपनियों को मंजूरी देने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए. कहा कि इसमें दवा के पेटेंट धारक को अन्य दवा कंपनियों द्वारा 10 प्रतिशत रॉयल्टी देने की व्यवस्था की जानी चाहिए.
जान लें कि देश में कोरोना रोधी टीके का उत्पादन दो कंपनियां कर रही हैं. पहली भारत बायोटेक जो कोवैक्सिन टीका बना रही है और दूसरी सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया जो कोविशील्ड का उत्पादन कर रही है.
वैक्सीन की डिमांड बढ़ रही है
गडकरी ने कहा कि अगर वैक्सीन की डिमांड बढ़ रही है तो वैक्सीन बनाने का लाइसेंस एक कंपनी की बजाय 10 और कपंनियों को भी दिया जाना चाहिए. पहले इन कंपनियों को भारत में ही सप्लाई करने दें और बाद में अगर ये ज्यादा होती है तो हम इसे एक्सपोर्ट कर सकते हैं. उन्होंने कहा, हर राज्य में दो-तीन लैब हैं. उन्हें वैक्सीन का निर्माण सेवा के रूप में नहीं, बल्कि 10 प्रतिशत रॉयल्टी के साथ करने दें. यह 15-20 दिनों में किया जा सकता है.
दाह संस्कार को लेकर कहा
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को प्रस्ताव देंगे कि शवों के दाह संस्कार की बेहतर व्यवस्था की जाये..उन्होंने कहा कि अगर चंदन के बजाय डीजल, इथेनॉल और बायोगैस और बिजली जैसे ईंधन का उपयोग किया जाये तो दाह संस्कार की लागत कम हो सकती है.
उन्होंने कहा, जब लकड़ी का उपयोग करके एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया जाता है, तो इसकी कीमत 3,000 रुपये होती है. अगर डीजल का इस्तेमाल किया जाता है तो इसकी कीमत 1,600 रुपये, एलपीजी में 1,200 रुपये, इलेक्ट्रिक में 750-800 रुपये और बायोमास पैलेट जलाने से 1,000 रुपये आती है.
उनका यह सुझाव ऐसे समय में आया है जब हाल ही में बिहार और उत्तर प्रदेश में दाह संस्कार के लिए ज्यादा कीमत लिये जाने की शिकायतें सामने आयी थी. इस दौरान कई संदिग्ध कोरोना मरीजों के शव भी नदियों में बहते हुए पाये गये थे. गडकरी ने कहा कि भारत को अभी भी दवाओं के लिए कच्चा माल विदेशों से मंगाना पड़ता है.
ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर होना चाहिए
गडकरी ने कहा कि हम आत्मनिर्भर भारत बनाना चाहते हैं. भारत के सभी जिले चिकित्सा ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर होने चाहिए,. उन्होंने कहा कि देश का स्वास्थ्य क्षेत्र इस समय गहरे संकट से गुजर रहा है. महामारी के दौरान हमें सकारात्मक रुख रखते हुए आत्मविश्वास को बनाये रखना चाहिए