Ranchi :15 लाख इनामी नक्सली बुद्धेश्वर उरांव पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है. बुद्धेश्वर उरांव गुमला, लोहरदगा और लातेहार जिले की पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है. पुलिस और बुद्धेश्वर उरांव के दस्ते के बीच दर्जनों बार मुठभेड़ हुई है. लेकिन हर मुठभेड़ की घटना में बुद्धेश्वर उरांव बचकर भागने में सफल रहता है. गुमला जिले के कुरूमगढ़ थाना क्षेत्र के मड़वा गांव में सोमवार को सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई. इसमें एक माओवादी मारा भी गया, लेकिन बुद्धेश्वर उरांव बचकर भागने में सफल रहा.
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लंबे समय से पुलिस को दे रहा चुनौती
15 लाख इनामी नक्सली बुद्धेश्वर उरांव पुलिस के लिए लंबे समय से चुनौती बना हुआ है. और समय समय पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए घटनाओं का अंजाम भी देता रहा है. बुद्धेश्वर उरांव मूल रूप से गुमला जिले के गुमला थाना क्षेत्र के गबड़ा खटंगा पाकरटोली का रहने वाला है. बता दें कि नक्सली बुद्धेश्वर पूर्व में पुलिस के साथ हुए एक दर्जन से अधिक मुठभेड़ में बच निकला है. पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए खोज रही है, लेकिन हर बार वो भागने में सफल रहता है.
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अपनी सुरक्षा के लिए जंगलों में IED बम बिछा रखा है
हार्डकोर नक्सली बुद्धेश्वर उरांव अपनी सुरक्षा के लिए गुमला, लोहरदगा और लातेहार के सीमावर्ती जंगलों में IED बम बिछा रखा है. इस IED के चपेट में पुलिस औऱ ग्रामीण आ रहे है. हाल के महीनों में लोहरदगा गुमला जिले के जंगलो में IED विस्फोट की तीन घटनाएं हुई है. जिनमें एक जवान की मौत हो गई. जबकि एक जवान और ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गए है. गौरतलब है कि भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर 15 लाख रुपये का इनामी बुद्धेश्वर उरांव अपनी सुरक्षा के लिए जंगलों में जगह-जगह पर ढाई-ढाई सौ ग्राम का IED बम बिछा रखा है, ताकि पुलिस जब जंगल में घुसे तो IED बम की चपेट में आ सके.
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