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alt="" width="600" height="400" /> ये है पूजा की विधि नाग पंचमी की पूजा करने के लिए सुबह स्नान के बाद भगवान शिव पूजा करते हैं. नाग पंचमी पर भक्त घर के दरवाजे पर गोबर से सांप बनाते हैं. उसके बाद नाग देवता की पूजा करते हैं. इस शुभ अवसर पर कालसर्प दोष दूर करने के लिए श्री सर्प सूक्त का पाठ किया जाता है. माना जाता है कि नाग पंचमी पर पूजा करने से राहू-केतु दोष भी दूर हो जाता है. कालसर्प दोष दूर करने के लिए नाग देवता को दूध पिलाया जाता है और आरती की जाती है. पूजा में इस सामग्री को अर्पित करें मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन लोग नाग देवता की विधिवत रूप से पूजा करते हैं. पूजा के लिए नाग देवता की मूर्ति या चित्र पर सबसे पहले गंगाजल चढाएं, उसके बाद उन पर फूल, हल्दी, रोली, अक्षत, चंदन आदि अर्पित करें. साथ ही घी, चीनी, कच्चा दूध आदि मिलाकर नाग देवता को अर्पित करें.पूजा करने के बाद, इस दिन नाग पंचमी की कथा सुनें और प्रसाद चढ़ाएं. फिर धूप-दीप जलाकर नाग देवता को खीर का भोग लगाएं. इसके बाद, नाग देवता के मंत्रों का जाप या नाग स्त्रोत का पाठ करें. इस पूजा से मनोवांछित फल मिलता है. [wpse_comments_template]