Ranchi: झारखंड प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी ने बिहार में लापरवाही बरती. विभागीय जांच में उन पर आरोप सही साबित हुआ. अब रिटायर होने के बाद झारखंड में उन्हें सजा दी गई है. विभागीय झाप्रसे के पूर्व अधिकारी प्रेम प्रकाश सिन्हा के पेंशन से 10 फीसदी राशि काटी जाएगी. इस संबंध में कार्मिक विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है.
बिहार के तरैया में थे पोस्टेड
संयुक्त बिहार के समय प्रेम प्रकाश सिन्हा बिहार प्रशासनिक सेवा में कार्यरत थे. झारखंड बनने के बाद वह वह झाप्रसे में आए. वह वर्ष 2001 से 2002 तक बिहार के छपरा जिला के तरैया में पदस्थापित थे. वह अंचलाधिकारी सह प्रखंड जिला पदाधिकारी के पद पर थे. सिन्हा पर इस कार्यकाल के दौरान ही लापरवाही बरतने का आरोप है.
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रिटायर्ड कर्मी को सात माह तक दिया वेतन
प्राप्त जानकारी के अनुसार 20 जुलाई 2001 से 31 जुलाई 2007 तक प्रेम प्रकाश सिन्हा तरैया में पदस्थापित थे. इस दौरान उन्होंने एक चौकीदार स्व. महाबीर राय को वेतन देने की सहमति दी थी. जबकि स्व. राय 31 जुलाई 1999 को ही रिटायर हो गए थे. बिहार सरकार ने सिन्हा पर आरोप लगाया कि यह उनके कार्य में लापरवाही व उदासीनता है. उन्होंने अपने कर्तव्य का सही तरीके से पालन नहीं किया. जिससे सरकार को राजस्व का घाटा हुआ. इसी तरह सिन्हा पर भविष्य निधि मामले में गड़बड़ी का भी आरोप था.
विभाग के नोटिस का नहीं दिया जवाब
बिहार सरकार ने दोनों ही मामलों में प्रेम प्रकाश सिन्हा के खिलाफ प्रपत्र-क गठित कर जांच की. जांच में आरोप सही साबित हुआ. बिहार सरकार से प्राप्त सूचना के आधार पर झारखंड सरकार ने सिन्हा पर दंड लगाने से संबंधित मामले में दो बार कारण पूछा. उन्होंने विभाग के नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया.
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10 फीसदी राशि काटने का निर्देश
कार्मिक विभाग ने झारखंड पेंशन नियमावली के नियम-43 (बी) के तहत सिन्हा के पेंशन से तीन वर्षों तक 50 फीसदी राशि काटने पर झारखंड लोक सेवा आयोग से सहमति मांगी थी. आयोग ने नियम के तहत पेंशन से 10 फीसदी राशि काटने की अनुमति दी. इसके बाद विभाग ने तीन साल तक 10 फीसदी राशि काटने का निर्देश दे दिया. इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है.