सिस्टम ने किया हलकान, 1200 रुपये में बिचौलियों को धान बेचने को मजबूर हैं किसान
तेल की कीमतों में 35 से 40 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है
महज चार-पांच महीनों में तेल की कीमतों में 35 से 40 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है. गत वर्ष मार्च महीने में कोरोना के कारण लॉकडाउन लगने के बाद सरसों तेल की कीमत में बढ़ोतरी हुई थी. लॉकडाउन के कारण मची अफरा-तफरी के कारण स्थानीय दुकानदारों ने यह कीमत बढ़ाई थी. लेकिन जुलाई के बाद उसके कीमतों में कमी आयी.नवंबर माह से तेलों के दाम में लगातार वृद्धि हो रही है
अगस्त और सितंबर माह में सरसों तेल की कीमत एक सौ से 110 रु प्रति लीटर तक हो गयी थी. लेकिन नवंबर माह से तेलों के दाम में लगातार वृद्धि हो रही है.अपर बाजार के तेल कारोबारी अनिरुद्ध शर्मा ने बताया कि हाथी मार्का सरसों तेल गत मार्च में खुदरा दर पर 107 रुपए प्रति लीटर उपलब्ध था. लेकिन जुलाई तक यह 118 रु पर आ गया. उन्होंने कहा कि इस बार सरसों की कम उपज और मजदूरी में बढ़ोतरी होने के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ है. इसके कारण तेल के दामों में वृद्धि हो रही है. इसे भी पढ़ें : बेरमो:">https://lagatar.in/bermo-looting-money-officials-and-censors-involved-in-tender-game-in-ccl-kathara/18133/">बेरमो:सीसीएल कथारा में टेंडर के खेल में पैसे की लूट, अधिकारी और संवेदक शामिल
ब्रांड कीमत प्रति लीटर
इंजन 152 रु हाथी मार्क 144 सलोनी 140 धारा 138अरहर दाल की कीमत 100 रुपए किलो है
जबकि पंडरा के दलहन व्यवसायी गौरव शर्मा ने बताया कि मौजूदा समय में दलहन का कारोबार कुछ स्थिर हुआ है. यहां पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ स्थित कटनी और हाटापाड़ा मंडी से दलहन आती हैं. गत अक्टूबर-नवंबर में दलहन के दाम में काफी उछाल आया था. 120 से 140 रुपए तक अरहर की दाल बिक रही थी. लेकिन मौजूदा समय में अरहर दाल की कीमत 100 रुपए किलो है. इसे भी पढ़ें : राज">https://lagatar.in/amazing-doctors-of-raj-hospital-a-15-kg-tumor-removed-from-a-92-year-old-womans-abdomen/18184/">राजअस्पताल के डॉक्टर्स का कमाल, 92 वर्षीय महिला के पेट से निकाला 15 किलो का ट्यूमर