Ranchi : किराने की दुकानों में सरसों तेल का दाम आसमान छूने लगा है. तेल के साथ साथ दलहन पर भी महंगाई की मार है. सरसों तेल जहां 152 रु प्रति लीटर पहुंच चुका है, दाल एक सौ से 110 रु किलो बिक रही है. तेल और दलहन के आसमान छूते दाम उपभोक्ताओं की जेबों पर भारी पड़ रहे हैं. यदि सरकार और प्रशासन की ओर से यदि कोई कदम नहीं उठाया गया तो इन सामानों के दाम में और वृद्धि होने की संभावना है.
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तेल की कीमतों में 35 से 40 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है
महज चार-पांच महीनों में तेल की कीमतों में 35 से 40 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है. गत वर्ष मार्च महीने में कोरोना के कारण लॉकडाउन लगने के बाद सरसों तेल की कीमत में बढ़ोतरी हुई थी. लॉकडाउन के कारण मची अफरा-तफरी के कारण स्थानीय दुकानदारों ने यह कीमत बढ़ाई थी. लेकिन जुलाई के बाद उसके कीमतों में कमी आयी.
नवंबर माह से तेलों के दाम में लगातार वृद्धि हो रही है
अगस्त और सितंबर माह में सरसों तेल की कीमत एक सौ से 110 रु प्रति लीटर तक हो गयी थी. लेकिन नवंबर माह से तेलों के दाम में लगातार वृद्धि हो रही है.अपर बाजार के तेल कारोबारी अनिरुद्ध शर्मा ने बताया कि हाथी मार्का सरसों तेल गत मार्च में खुदरा दर पर 107 रुपए प्रति लीटर उपलब्ध था. लेकिन जुलाई तक यह 118 रु पर आ गया.
उन्होंने कहा कि इस बार सरसों की कम उपज और मजदूरी में बढ़ोतरी होने के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ है. इसके कारण तेल के दामों में वृद्धि हो रही है.
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ब्रांड कीमत प्रति लीटर
इंजन 152 रु
हाथी मार्क 144
सलोनी 140
धारा 138
अरहर दाल की कीमत 100 रुपए किलो है
जबकि पंडरा के दलहन व्यवसायी गौरव शर्मा ने बताया कि मौजूदा समय में दलहन का कारोबार कुछ स्थिर हुआ है. यहां पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ स्थित कटनी और हाटापाड़ा मंडी से दलहन आती हैं. गत अक्टूबर-नवंबर में दलहन के दाम में काफी उछाल आया था. 120 से 140 रुपए तक अरहर की दाल बिक रही थी. लेकिन मौजूदा समय में अरहर दाल की कीमत 100 रुपए किलो है.
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नयी फसल आने के बाद इसके दामों में स्थिरता आ सकती है
तेल और दलहन के दामों में आये उछाल के बारे में बात करते हुए पंडरा बाजार समिति के सचिव अभिषेक आनंद ने बताया कि यह महंगा कोविड-19 के कारण हुई है. राजस्थान में सरसों का उत्पादन अधिक होता है. लेकिन कोविड-19 के कारण लेबर चार्ज में वृद्धि से इसका उत्पादन प्रभावित हुआ है. दाम बढ़ने का यह बड़ा कारण है. जबकि दलहन की महंगाई का कारण वैसा नहीं है. अभी रबी फसलों का सीजन चल रहा है. रांची में गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश से दलहन की आवक होती है. नयी फसल आने के बाद इसके दामों में स्थिरता आ सकती है.
दलहन के थोक और खुदरा मूल्य रु प्रति किलो
दाल थोक खुदरा
उड़द 91 101
मूंग 90 100
अरहर 85 95
मसूर 58 68
चना 55 65