NewDelhi : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पहलगाम हमले को लेकर कहा कि हम कभी भी अपने पड़ोसियों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. लेकिन कोई गलत रास्ता अपनाये तो देश के राजा का कर्तव्य है अपनी प्रजा की रक्षा करना. प्रजा के लिए राजा अपना काम करेगा.
VIDEO | During the unveiling of book ‘The Hindu Manifesto’, RSS chief Mohan Bhagwat (@DrMohanBhagwat) says, “This Hindu manifesto is for discussion, to achieve consensus. It is a proposal, it was made after a lot of study. On the basis of the study, this book was authored. You… pic.twitter.com/8JU0PO1S3K
— Press Trust of India (@PTI_News) April 26, 2025
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत दिल्ली में आयोजित द हिंदू मेनिफेस्टो पुस्तक के विमोचन समारोह में धर्म की व्याख्या कर रहे थे. कहा कि यह हिंदू मेनिफेस्टो चर्चा के लिए है, आम सहमति बनाने के लिए है. यह एक प्रस्ताव है, इसे बहुत अध्ययन के बाद बनाया गया है.
अध्ययन के आधार पर, इस पुस्तक की रचना की गयी है. सभी को इसे पढ़ना चाहिए. इसमें कई बिंदु हैं. आम सहमति की आवश्यकता है, क्योंकि दुनिया को आज एक नये रास्ते की आवश्यकता है. लोगों को नयी सुविधाएं मिलीं, भौतिक सुख भी मिले, लेकिन सभी को नहीं मिला,
यह भी एक नियम है कि किसी के लिए यह कम हुआ, इसलिए किसी के लिए यह बढ़ गया. दुनिया दो रास्तों के बारे में सोचती है, उन्होंने दोनों रास्तों पर कदम रखा, जो भारत के पास है. दुनिया को रास्ता दिखाना भारत की जिम्मेदारी है. श्री भागवत ने कहा, अहिंसा हमारा स्वभाव और हमारा धर्म है. कहा कि अहिंसा हमारा स्वभाव है, हमारा मूल्य है.
पाकिस्तान का नाम लिये बिना कहा, लेकिन कुछ लोग नहीं बदलेंगे, चाहे कुछ भी करो, वे दुनिया को परेशान करते रहेंगे, तो इसका क्या करें? अहिंसा हमारा धर्म है और गुंडों को सबक सिखाना भी हमारा धर्म है.
मोहन भागवत ने कहा, हम अपने पड़ोसियों का कभी अपमान या नुकसान नहीं करते लेकिन फिर भी अगर कोई बुराई पर उतर आये तो दूसरा विकल्प क्या है? राजा का कर्तव्य प्रजा की रक्षा करना है, राजा को अपना कर्तव्य निभाना चाहिए.
हिंदू धर्म को लेकर कहा कि यह केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि जीवन जीने की एक संहिता है. आरएसएस चीफ ने हिंदू समाज से अपने धर्म की गहरी समझ को डेवलप करने और उसे विश्व के सामने सही तरीके से प्रस्तुत करने का आह्वान किया.
अहिंसा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि विश्व को भारत के पारंपरिक ज्ञान से एक नया रास्ता मिल सकता है. कहा कि अपने जीवन के लिए अपना धर्म मत छोड़ो. धर्म केवल कर्मकांड नहीं है. ये सिर्फ पूजा पाठ तक सीमित नहीं है.
धर्म के कोड है. रिलिजन अलग-अलग हो सकते हैं, हमें सब रास्तों का सम्मान करना है. हम किसी को बदलने का प्रयास नहीं करते हैं. जो जिस रास्ते पर चलना चाहे चले.आज हिंदू समाज को हिंदू धर्म समझने की आवश्यकता है.रावण का युद्ध भी उसके कल्याण के लिए हुआ. वो नहीं बदला तो भगवान ने उसका संहार किया
संघ प्रमुख ने कहा, हमारा जो पारंपरिक विचार है, जो हमारा मूल विचार है उस पर पिछले 1200 से 1500 साल काम नहीं हुआ. हम वैभव और शास्त्र संसार को कभी दे रहे थे तब हम सुरक्षित और समृद्ध रहे. जाति, पंथ, भेदभाव हमारे शास्त्रों में था या नहीं इसका अभी उडुपी में सभी संतों ने प्रमाण दिया है.
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