Lagatar Desk: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तेजी से बढ़ा है. दोनों देशों के नेताओं, अधिकारियों व विशेषज्ञों ने युद्ध की आशंका पर अपने बयान दिए हैं. विभिन्न श्रोतों से कई तरह के बयान सामने आए हैं. इस स्टोरी में हम भारत, पाकिस्तान के नेताओं को बयानों की बात करेंगे. इसे भी पढ़ें -पहलगाम">https://lagatar.in/action-taken-by-the-indian-government-and-security-forces-after-the-pahalgam-incident-at-a-glance/">पहलगाम
घटना के बाद भारत सरकार व सुरक्षा बलों की कार्रवाई एक नजर में भारतीय नेताओं व अधिकारियों के बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी : 24 अप्रैल को बिहार में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं पूरे विश्व को कहता हूं कि भारत हर आतंकी और उनके समर्थकों को खोजेगा, ट्रैक करेगा और सजा देगा. मोदी ने पहलगाम हमले को "भारत की आस्था पर हमला" करार दिया और युद्ध शब्द का उल्लेख किए बिना सैन्य कार्रवाई की संभावना को खुला रखा. उन्होंने पृथ्वी के किसी भी कोने तक आतंकियों को सजा देने की बात कही, जिसे विश्लेषकों ने सीमित सैन्य कार्रवाई (जैसे सर्जिकल स्ट्राइक) का संकेत माना है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह : हम न केवल इस घटना को अंजाम देने वालों तक पहुंचेंगे, बल्कि उन लोगों तक भी पहुंचेंगे जो पर्दे के पीछे से ऐसी नापाक साजिश रच रहे हैं. 23 अप्रैल को उनके इस बयान पर विशेषज्ञों ने सैन्य कार्रवाई की संभावना को मजबूत माना है. उनके बयान को पाकिस्तान में लक्षित हमलों का संकेत माना गया. उन्होंने युद्ध की बात नहीं की, लेकिन "मजबूत जवाब" की बात दोहराई. विदेश सचिव विक्रम मिस्री : 23 अप्रैल को मीडिया से बात करते हुए कहा कि इंडस वाटर ट्रीटी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है, जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन पूरी तरह बंद नहीं करता. उनके इस बयान को पाकिस्तान ने "युद्ध की कार्रवाई" माना, जिससे युद्ध की आशंका बढ़ी. हालांकि उन्होंने सैन्य कार्रवाई पर सीधे टिप्पणी नहीं की थी. पाकिस्तानी नेताओं और अधिकारियों के बयान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ : पाकिस्तान की तरफ से प्रधानमंत्री ने 24 अप्रैल को कहा कि वह पहलगाम हमले की निष्पक्ष जांच के लिए तैयार है. भारत की एकतरफा कार्रवाइयां गैर-कानूनी और गैर-जिम्मेदाराना हैं. शरीफ ने युद्ध की बात से परहेज किया. लेकिन भारत के इंडस वाटर ट्रीटी निलंबन को "अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन" बताया. उन्होंने जांच में सहयोग की पेशकश की, जिसे भारत ने ठुकरा दिया. रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ : 26 अप्रैल को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर भारत पूर्ण हमला करता है, तो पूर्ण युद्ध होगा. अगर चीजें गलत हुईं, तो इसका दुखद परिणाम हो सकता है. आसिफ ने परमाणु हथियारों की मौजूदगी को रेखांकित करते हुए युद्ध की चेतावनी भी दी. उन्होंने भारत पर हमले को "झूठा फ्लैग ऑपरेशन" करार दिया और अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की. विदेश मंत्री इशाक डार : पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने 23 अप्रैल को कहा कि भारत की कार्रवाईयां अपरिपक्व और जल्दबाजी में हैं. कोई भी सैन्य कदम उठाया गया तो उसका जवाब उसी तरह दिया जाएगा. डार ने 2019 की तरह जवाबी सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी, जिससे युद्ध की आशंका बढ़ी. उन्होंने भारत से आत्मनिरीक्षण करने को कहा. आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी : पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री ने 26 अप्रैल को कहा कि पाकिस्तान निष्पक्ष जांच के लिए पूरी तरह तैयार है और शांति के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन अपनी संप्रभुता पर समझौता नहीं करेगा. नकवी ने युद्ध की बात से परहेज किया, लेकिन भारत की सैन्य कार्रवाई की आशंका को देखते हुए "मजबूत जवाब" की बात कही. अंतरराष्ट्रीय नेताओं और संगठनों के बयान संयुक्त राष्ट्र (यूएन प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक) : 24 अप्रैल को अपने बयान में कहा कि हम दोनों सरकारों से अधिकतम संयम बरतने और स्थिति को और बिगड़ने से रोकने की अपील करते हैं. यूएन ने युद्ध की आशंका पर चिंता जताई और कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी के बाद शांति की अपील की. अमेरिकी विदेश विभाग (प्रवक्ता टैमी ब्रूस) : 24 अप्रैल को अमेरिका विदेश विभाग ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के साथ खड़ा है और सभी आतंकी कृत्यों की कड़ी निंदा करता है. अमेरिका ने भारत का समर्थन किया. लेकिन युद्ध की आशंका पर सीधा बयान नहीं दिया. विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका दोनों देशों को युद्ध से रोकने की कोशिश करेगा. अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वांस : जेडी वांस ने कोई विशिष्ट बयान नहीं दिया, लेकिन वांस 22 अप्रैल को जयपुर में थे, जिससे पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने सवाल उठाया कि हमले का समय संदिग्ध क्यों है. वांस की मौजूदगी ने साजिश के सिद्धांतों को हवा दी, लेकिन युद्ध पर उनकी कोई टिप्पणी नहीं आई. रूस और यूनाइटेड किंगडम : दोनों देशों ने अप्रैल 2025 में अपने नागरिकों के लिए पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर की यात्रा के खिलाफ चेतावनी जारी की. यह युद्ध की आशंका और क्षेत्र में बढ़ते तनाव को दर्शाता है, लेकिन कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया गया. विश्लेषकों और विशेषज्ञों के बयान वाल्टर लैडविग (रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट, लंदन) : 26 अप्रैल को न्यूज विक की खबर की मुताबिक, वाल्टर लैंडविग ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों के पास परमाणु हथियार हैं और दोनों के बीच हमले गंभीर हैं. गलतियों की हमेशा संभावना रहती है. लैडविग ने परमाणु युद्ध की आशंका को रेखांकित किया, खासकर अगर गलत अनुमान लगाए गए. सैन्य इतिहासकार श्रीनाथ राघवन (किंग्स कॉलेज लंदन) : 26 अप्रैल को BBC से कहा कि 2016 और 2019 के बाद प्रतिशोध का स्तर सीमा पार या हवाई हमलों तक सेट हो चुका है. सरकार के लिए इससे नीचे कार्रवाई करना मुश्किल होगा. दोनों पक्षों से गलत अनुमान का जोखिम हमेशा बना रहता है. राघवन ने सीमित सैन्य कार्रवाई की संभावना को मजबूत माना, लेकिन पूर्ण युद्ध की आशंका को कम आंका. असफंदयार मीर (दक्षिण एशिया सुरक्षा विश्लेषक) : 25 अप्रैल को अल जजीरा से बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान भारत की कार्रवाई के जवाब में सैन्य प्रतिक्रिया को तब तक रोके रखेगा, जब तक इंडस वाटर ट्रीटी का निलंबन स्पष्ट नहीं हो जाता. लेकिन भारत में सैन्य कार्रवाई की मांग बढ़ रही है. मीर ने 2019 जैसे सैन्य हमले की संभावना को "संभावित रूप से अधिक आशंका जतायी. हुसैन हक्कानी (पाकिस्तान के पूर्व अमेरिकी राजदूत) : 26 अप्रैल को न्यूजवीक में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक हुसैन हक्कानी ने कहा है कि भारत की प्रतिक्रिया अभी तक कूटनीतिक रही है, लेकिन देश ऐसी कार्रवाई करेगा जो उसे दंडात्मक लगे. हक्कानी ने युद्ध से कम, लेकिन प्रभावी सैन्य कार्रवाई की संभावना जताई. इसे भी पढ़ें -उमर">https://lagatar.in/jammu-and-kashmir-assembly-tributes-paid-to-26-people-killed-in-terrorist-attacks/">उमर
अब्दुल्ला ने विस में कहा, आतंकी हमले ने हमें अंदर से खोखला कर दिया

पहलगाम घटना : भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध की आशंका पर किसने क्या कहा
