Ranchi : प्रदेश में पंचायत चुनावों की आहट शुरू हो चुकी है. राज्य सरकार कभी भी चुनाव को लेकर बड़ी घोषणा कर सकती है. संभावना जतायी जा रही है कि अगले दो से तीन महीने में पंचायत चुनाव हो जायेगा. चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ जेएमएम और कांग्रेस अच्छे-खासे उत्साहित हैं. दरअसल दो साल पहले विधानसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए शुरू कल्याणकारी योजनाओं को देख सत्तारूढ़ दोनों पार्टियों के अंदर चर्चा है कि इसका फायदा उसके समर्थक प्रत्याशियों को मिलेगा. अब हेमंत सरकार ने ग्रामीण इलाकों के लोगों तक पहुंच बनाने के लिए आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार अभियान को शुरू किया है. वहीं कांग्रेस पार्टी ने अपने राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर ‘जनजागरण अभियान’ शुरू किया है. भले ही यह अभियान मोदी सरकार की नीतियों को उजागर करने के लिए हो, लेकिन इसका भी फायदा पंचायत चुनाव में पड़ता दिख रहा है. इसके अलावा चुनाव से पहले पंचायती राज विभाग 15वें वित्त आयोग से मिली राशि को खर्च करने पर जोर दे रहा है, ताकि जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मिल सके.
आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार अभियान से जनता तक पहुंच रही सरकार
राज्य स्थापना दिवस पर विभिन्न सरकारी योजनाओं तक जरूरतमंद लोगों की पहुंच आसान करने के लिए आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार अभियान शुरू किया है. यह अभियान 45 दिनों तक चलेगा, जिसका समापन 29 दिसंबर को हेमंत सोरेन सरकार की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर होगा. अभियान के दौरान सरकार आम लोगों तक पहुंचकर राशन कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, पेंशन योजना, जॉब कार्ड सहित विभिन्न तरह के आवेदनों का मौके पर निपटारा कर रही है. पंचायत चुनाव के ठीक पहले इस अभियान से हेमंत सरकार की जनता के बीच साख और मजबूत होगी. ग्रामीण क्षेत्र में जनता का विश्वास सरकार के प्रति बढ़ेगा.
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जनजागरण अभियान से पंचायत स्तर तक लोगों को जागरूक कर रही कांग्रेस
इसी तरह कांग्रेस पार्टी अपने जनजागरण अभियान में प्रदेश के हर प्रमंडल का दौरा कर रही है. प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के नेतृत्व में यह अभियान लगातार जारी है. प्रदेश भर में चलाये जा रहे इस जनजागरण अभियान के द्वारा कांग्रेस पार्टी पंचायत स्तर तक लोगों को जागरूक कर रही है. साथ ही लोगों को बता रही है कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण आज देश में समान छूती महंगाई और बेरोजगारी से बेहाल है. पंचायत स्तर के लोगों को कांग्रेस पार्टी यह भी बताना चाहती है कि मोदी सरकार नफरत फैलाने का काम कर रही हैं.
15वें वित्त आयोग अंतर्गत संचालित कल्याणकारी योजनाओं पर सरकार का है जोर
उपरोक्त के अलावा 15वें वित्त आयोग अंतर्गत संचालित कल्याणकारी योजनाएं, जिसकी लागत 5 लाख से अधिक है, उनके क्रियान्वयन के लिए विभाग द्वारा टेंडर निकालना अनिवार्य बनाया गया है. सरकार का जोर है कि चुनाव के पहले कार्य शुरू कराकर लोगों को इसका लाभ दिलाया जायेगा. टेंडर प्रक्रिया में स्थानीय लोग की सहभागिता हो, इसके लिए टेंडर डालने वाले का रजिस्ट्रेशन जिला परिषद स्तर पर किया जाना है. जो ठेकेदार जिस जिला परिषद में अपना रजिस्ट्रेशन कराते हैं, वे उस जिला के अंतर्गत पड़ने वाली सभी पंचायतों के आमंत्रित टेंडर में भाग ले सकते हैं.
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