Ranchi : बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में किसी होटल की तरह सारी सुविधाएं मिल सकती है. इसके लिए बस एक चीज की जरुरत है और वो है रुपया. सूत्रों की मानें तो होटवार जेल में रुपया खर्च करने पर हर तरह की सुविधाएं मिल रही है. हालांकि जेल प्रशासन इस बात से हमेशा इनकार करता रहा है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुख्यात मानव तस्कर पन्ना लाल महतो बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारागार के राजनीतिक वार्ड में ऐशो-आराम की जिंदगी काट रहा है. अपराधी होने के बाद भी इस वार्ड में पन्ना लाल को सुविधाएं दी जाती है.
हालांकि इस वार्ड में रहने के हर महीने इसकी कीमत चुकानी होती है. हालांकि इस मामले में जेल अधीक्षक से बात करने पर उन्होंने बताया कि हमें तो ऐसी जानकारी नहीं है अगर ऐसी बात है तो मैं इसे देखता हूं.
इसे भी पढ़ें – मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीपी चौधरी के पूर्व पीए मनोज सिंह को हाईकोर्ट से मिली बेल
खूंटी पुलिस ने पन्ना लाल को किया था गिरफ्तार
18 जून 2019 को खूंटी पुलिस ने पन्ना लाल को गिरफ्तार किया था. पन्ना लाल और उसकी पत्नी सुनीता वर्ष 2003 से ही मानव तस्करी कर रहे थे. इस दौरान में उन्होंने 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति बनाई है. पन्ना लाल झारखंड समेत ओडिशा के विभिन्न जिलों से बच्चों को काम दिलाने के नाम पर बाहर ले जाकर बेच देता था. खासकर सुदूरवर्ती इलाकों के आदिवासी बच्चों को निशाना बनाता था, जो काफी गरीब परिवार से आते थे.
इसे भी पढ़ें –महिलाओं के लिए हर मर्ज की दवा है आइरन लेडी सरस्वती
मानव तस्करी की एनआइए जांच कर रही है
झारखंड में मानव तस्करी की एनआइए जांच कर रही है. एनआइए मुख्यालय ने झारखंड के बड़े मानव तस्कर माने जाने वाले पन्नालाल के खिलाफ दर्ज मामले की अनुसंधान टेकओवर करने की गुजारिश झारखंड पुलिस से की थी. एनआइए ने टेकओवर करते हुए जांच शुरू कर दी थी.
पन्ना लाल के खिलाफ खूंटी की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में छह अगस्त 2018 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी.एनआइए ने इसी प्राथमिकी को टेकओवर करते हुए दो मार्च 2020 को प्राथमिकी दर्ज की है. इस मामले को लेकर एनआइए ने कांड संख्या 1/2020 दर्ज किया है. एनआईए जांच के दौरान पता चला कि आरोपी पन्ना लाल महतो और उसकी पत्नी सुनीता देवी दिल्ली में तीन प्लेसमेंट एजेंसियों की आड़ में इस मानव तस्करी रैकेट को चला रहे थे. वे झारखंड के गरीब और निर्दोष नाबालिग लड़कों और लड़कियों को दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में नौकरी दिलाने के बहाने लेकर आते थे, लेकिन उन्हें कभी वेतन नहीं दिया.
इसे भी पढ़ें –इजरायल ने कहा, ईरान के परमाणु ठिकाने बर्बाद कर देंगे, मिला जवाब, तेल अवीव और हाइफा की जमीन बराबर कर देंगे