मोदी 25 जून को करेंगे लाइट हाउस प्रोजेक्ट की समीक्षा, दिल्ली से आई टीम, टेस्ट रन शुरू दरअसल गोमिया प्रखंड शिक्षा समिति द्वारा पारा शिक्षकों के अनुमोदन की पंजी लगभग 12 वर्षो से गायब है. पिछले दो वर्ष से इसकी तलाश की जा रही है, लेकिन अब तक नही मिल पाई है. समस्या यह है कि पंजी के नहीं रहने के कारण पारा शिक्षकों का पूरा डाटा वेब पोर्टल पर नहीं चढ पा रहा है. राज्य सरकार ने पिछले ही वर्ष एक वेब पोर्टल बनाया है. इस पर सभी पारा शिक्षकों का नाम और डाटा देना है. इसे अपलोड करने का आदेश दिया गया था. इस पर बोकारो जिले के सभी प्रखंडों में पारा शिक्षकों का नाम वेब पोर्टल में डाल दिया गया है, लेकिन गोमिया में अनुमोदन की पंजी गायब होने के कारण प्रखंड में पारा शिक्षकों का नाम वेब पोर्टल में नहीं चढाया जा सका है. इसे भी पढ़ें- रांची">https://lagatar.in/education-department-clerk-accused-of-wifes-murder-was-arrested-by-ranchi-police-from-peg/92680/">रांची
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गोमिया के करीब 553 पारा शिक्षक हैं
गोमिया के करीब 553 पारा शिक्षक हैं. उनके नाम वेब पोर्टल में अपलोड करने के लिए शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच की गई. उसमें बताया जा रहा है कि कुछ शिक्षकों का प्रमाण पत्र ठीक है. लगभग 249 पारा शिक्षकों का डाटा अपलोड करने की तैयारी की जा रही है. लेकिन लगभग इतने ही शिक्षकों का भविष्य अंधकारमय है. पारा शिक्षक, जिनका पुराना वाले पंजी में अनुमोदन था वे मुश्किल में हैं. मौजूदा समय में पारा शिक्षक अपनी स्थायीकरण की मांग लेकर आन्दोलनरत हैं. यदि स्थायीकरण की प्रक्रिया शुरू होती और सरकार उनकी सूची की मांग करती है, तो इन पारा शिक्षकों के लिए परेशानी का सबब होगा. इसे भी पढ़ें- थोक">https://lagatar.in/there-is-a-ruckus-in-ruling-parties-to-capture-wholesale-liquor-business/92849/">थोकशराब कारोबार पर कब्जे के लिए सत्ताधारी दलों में झकझूमर, रांची से दिल्ली तक चल रही लॉबिंग [wpse_comments_template]