New Delhi : योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक (एमडी) आचार्य बालकृष्ण उस कारण बताओ नोटिस के सिलसिले में उच्चतम न्यायालय में आज मंगलवार को पेश हुए, जिसमें पूछा गया था कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों शुरू नहीं की जानी चाहिए. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
#WATCH | Delhi: Patanjali Ayurveda Yoga guru Baba Ramdev and Patanjali Ayurved’s Managing Director Acharya Balkrishna leave from Supreme Court
They appeared before the court in the misleading advertisement case filed against Patanjali Ayurveda and tendered an unconditional… pic.twitter.com/8f5y17WVkW
— ANI (@ANI) April 2, 2024
Supreme Court begins hearing in the misleading advertisement case filed against the Patanjali Ayurveda
Yoga guru Baba Ramdev and Patanjali Ayurved’s Managing Director Acharya Balkrishna are in the Supreme Court pursuant to the summons issued to them to appear in person in the… pic.twitter.com/6RMwQhzBPH
— ANI (@ANI) April 2, 2024
19 मार्च को रामदेव और बालकृष्ण को सशरीर पेश होने को कहा गया था
न्यायालय ने पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों और उनके चिकित्सकीय प्रभावों के विज्ञापनों से संबंधित अवमानना कार्यवाही के मामले में 19 मार्च को रामदेव और बालकृष्ण से व्यक्तिगत रूप से अपने समक्ष पेश होने को कहा था. पीठ ने कंपनी और बालकृष्ण को पहले जारी किये गये अदालत के नोटिस का जवाब दाखिल नहीं करने पर कड़ी आपत्ति जताई थी. न्यायालय ने कहा था कि उसे रामदेव को कारण बताओ नोटिस जारी करना उपयुक्त लगता है क्योंकि पतंजलि द्वारा जारी विज्ञापन 21 नवंबर, 2023 को अदालत में दिये गये हलफनामे का विषय हैं.
रामदेव की ओर से पेश वकील ने कहा कि वे दोनों अदालत में हैं
कोर्ट ने कहा था कि ऐसा लगता है कि रामदेव ने इसका समर्थन किया था. यह मामला मंगलवार को न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ के सामने सुनवाई के लिए आया. पीठ ने कहा, क्या दोनों उपस्थित है? रामदेव की ओर से पेश वकील ने कहा कि वे दोनों अदालत में हैं. पीठ ने कहा कि पतंजलि द्वारा जारी विज्ञापन देश के कानून के दायरे में हैं.
देश की सभी अदालतों द्वारा पारित हर आदेश का सम्मान किया जाना चाहिए
इस पर रामदेव ने वकील के माध्यम से कहा कि हम निजी तौर पर अदालत में हैं और माफी मांगते हैं, जिसे रिकॉर्ड में दर्ज किया जाये. यह सुन कर अदालत ने कहा कि आपको पहले ही चेतावनी दी गयी थी. आपने एफिडेविट भी दाखिल किया था. फिर इस तरह की गलती करना पूरी तरह से अवमानना है. कोर्ट ने कहा कि केवल सुप्रीम कोर्ट ही नहीं बल्कि देश की सभी अदालतों द्वारा पारित हर आदेश का सम्मान किया जाना चाहिए.
10 अप्रैल को पतंजलि और योग गुरु रामदेव को नया हलफनामा दाखिल करना होगा
अदालत ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को निजी तौर पर 10 अप्रैल को फिर कोर्ट में हाजिर रहने का आदेश दिया. 10 अप्रैल को पतंजलि और योग गुरु रामदेव को नया हलफनामा दाखिल करना होगा. उच्चतम न्यायालय ने हलफनामे में पतंजलि के प्रबंध निदेशक के उस बयान को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि औषधि और प्रसाधन सामग्री (जादुई उपचार) अधिनियम पुराना है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘जो हुआ वह नहीं होना चाहिए था
सुनवाई के क्रम में कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से कार्र्वाई न किये जाने पर हैरानी जताई. जस्टिस अमानुल्लाह और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने कहा कि आश्चर्य है कि जब पतंजलि कंपनी जोर-शोर से कह रही थी कि एलोपैथी में कोविड का कोई इलाज नहीं है तब सरकार ने अपनी आंखें बंद क्यों रखी. इस पर सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘जो हुआ वह नहीं होना चाहिए था