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पटना : रेफरी बनाने का लालच देकर महिला खिलाड़ी के साथ किया गंदा काम

खेल संघ के अधिकारी पर लगा आरोप Patna : बिहार सरकार एक तरफ खेल को बढावा देने के लिए तरह-तरह के कदम उठा रही है, वहीं, दूसरी तरफ खेल संघ के अधिकारी अपनी करतूतों से खिलाड़ियों का मनोबल गिरा रहे हैं. नया मामला भारोत्तोलन की एक महिला खिलाड़ी से जुड़ा है. महिला खिलाड़ी ने खेल संघ के अधिकारी पर यौन शोषण का आरोप लगाया है. दर्ज शिकायत में उसने कहा है कि उसके अधिकारी ने `खुश` करने की शर्त पर उसके कैरियर को बेहतर बनाने की बात कही लेकिन साथ ही यह भी धमकाया कि अगर मुझे खुश नहीं करोगी तो मैं तुम्हारा कैरियर बर्बाद कर दूंगा. महिला खिलाड़ी ने बताया कि वह पूर्व राज्य भारोत्तोलन खिलाड़ी और भारोत्तोलन की लेवल -2 की तकनीकी पदाधिकारी है. इसके बावजूद राज्य व राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताओं में उसका नाम तकनीकी पदाधिकारी के रूप में शामिल नहीं किया गया. इसकी जानकारी लेने के लिए उसने पिछले 4 दिसंबर की दोपहर योजना एवं विकास विभाग व बिहार वेटलिफ्टिंग संगठन के पूर्व अध्यक्ष अरुण कुमार केसरी को उनके मोबाइल पर फोन कर इसके बारे में जानकारी लेनी चाही. केसरी ने महिला खिलाड़ी को 6 दिसंबर को सुबह 10 बजे कंकड़बाग स्थित पाटलिपुत्र खेल परिसर के बिहार वेटलिफ्टिंग संगठन कार्यालय बुलाया. 5 दिसंबर को अरुण कुमार ने महिला के व्हाट्सएप नंबर पर मैसेज कर कहा कि मैं राजगीर जा रहा हूं, तुम 7 दिसंबर को आओ. 7 दिसंबर की दोपहर महिला खिलाड़ी कंकड़बाग स्थित बिहार वेटलिफ्टिंग कार्यालय पहुंची. उस समय केसरी कार्यालय में अकेले थे. महिला खिलाड़ी का आरोप है कि बातचीत के दौरान अरुण कुमार केसरी ने उससे कहा कि यदि तुम मुझे कमरे में खुश कर दोगी तो ठीक, वरना तुमको किसी भी प्रतियोगिता में रेफरी के रूप में काम करने नहीं दूंगा. तुम्हारा करियर बर्बाद कर दूंगा. इसके बाद केसरी ने कार्यालय का कमरा बंद कर दिया और महिला के साथ अश्लील हरकत और जोर जबरदस्ती की. महिला के मना करने पर भी अरुण कुमार केसरी उसके कपड़े खोलने लगा और जबरदस्ती की. केसरी ने अपना पूरा कपड़ा खोल लिया और महिला के सामने नग्न होकर उससे चिपकने लगा. महिला किसी तरह अपने आप को बचाते हुए कार्यालय का कमरा खोलकर बाहर भागी और तुरंत पुलिस को फोन कर मामले की सूचना दी. पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और महिला के साथ कार्यालय गई, तब तक केसरी कार्यालय बंद कर फरार हो चुका था. यह भी पढ़ें : 17">https://lagatar.in/ips-sanjeev-bhatt-got-justice-after-17-years-proved-innocent/">17

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