सुप्रीम कोर्ट ने आज मंगलवार को पेगासस स्पाइवेयर मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. हालांकि, अदालत आम लोगों के खिलाफ स्पाइवेयर के इस्तेमाल के आरोपों की जांच करने की हामी भरी. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि कोई देश अपनी नेशनल सिक्योरिटी से समझौता नहीं कर सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने जासूसी के लिए कथित तौर पर इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल करने के आरोपों की जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर 30 जुलाई को सुनवाई की तारीख तय की है. मामला यह है कि इजरायली स्पाइवेयर पेगासस से पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और राजनेताओं की कथित निगरानी की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए 2021 में कुछ रिट याचिकाएं दायर की गयी थीं. Live Law की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस सूर्यकांत ने सीनियर एडवोकेट दिनेश द्विवेदी को जवाब देते हुए कहा, अगर देश स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर रहा है तो इसमें गलत क्या है. स्पाइवेयर होने में कुछ भी गलत नहीं है. कहा कि इसका इस्तेमाल किसके खिलाफ होता है, यह सवाल जरूर है. हम देश की सिक्योरिटी से समझौता नहीं कर सकते." हालांकि दिनेश द्विवेदी ने दलील दी कि सवाल यह है कि क्या सरकार के पास पेगासस स्पाइवेयर था और क्या वह इसका इस्तेमाल कर रही थी? सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना था कि आतंकवादी निजता के अधिकार का दावा नहीं कर सकते. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, "एक नागरिक व्यक्ति जिसके पास निजता का अधिकार है, संविधान के तहत उसकी हिफाजत की जायेगी. एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने अमेरिकी जिला न्यायालय के एक फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि इजरायल स्थित स्पाइवेयर फर्म एनएसओ ग्रुप ने व्हाट्सएप को हैक करने के लिए पेगासस मैलवेयर का इस्तेमाल किया था . कहा कि उस फैसले में भारत को प्रभावित देशों में से एक के रूप में पहचाना गया था. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आरोपों की जांच के लिए जस्टिस रवींद्रन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी थी. कहा कि स्पाइवेयर के कथित दुरुपयोग पर एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट पब्लिक नहीं किया की जा सकती. कोर्ट के अनुसार व्यक्तिगत आशंकाओं पर बात की जानी चाहिए, लेकिन यह सड़कों पर चर्चा के लिए दस्तावेज नहीं बनाया जा सकता. इसे भी पढ़ें : गुजरात">https://lagatar.in/gujarat-bangladeshis-huts-razed-hc-dismisses-petition/">गुजरातSupreme Court posts for hearing on July 30 a batch of pleas seeking inquiry into the allegations of government allegedly using Israeli software Pegasus for snooping. Supreme Court says what’s wrong if a country is using a spyware. It observes that to have spyware is not wrong,… pic.twitter.com/ePsx9L8j0u
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29, 2025
: बांग्लादेशियों की झोपड़ियां जमींदोज, HC ने याचिका खारिज की