Search

Pegasus जासूसी मामला : सुप्रीम कोर्ट में पांच अगस्त को होगी सुनवाई, वरिष्ठ पत्रकार एन राम सहित अन्य ने दायर की है याचिका

NewDelhi :  पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में पांच अगस्त को सुनवाई होगी. इससे पूर्व शुक्रवार को सीजेआई एनवी रमना ने अगस्त के पहले सप्ताह में याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई थी. जान लें कि  मोदी सरकार  पर कथित तौर पर राजनेताओं, एक्टविस्टों और पत्रकारों की जासूसी करने के लिए इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस का उपयोग करने का आरोप लगा है. https://twitter.com/ANI/status/1421696962756153344

इस मामले में अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिका SC में दाखिल की गयी है. वरिष्ठ पत्रकार एन राम, शशि कुमार और सीपीएम नेता जॉन ब्रिटास ने  सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की है. इसे भी पढ़ें : भिक्षा">https://lagatar.in/became-pm-who-eats-by-begging-this-is-beauty-of-nehrus-democracy-if-you-get-roti-in-modi-raj-then-it-is-lucky/121166/">भिक्षा

मांगकर खाने वाला पीएम बना, यह नेहरू के लोकतंत्र की खूबसूरती, मोदी राज में रोटी मिल जाये तो खुशनसीबी है : कांग्रेस

सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा या रिटायर जज की अध्यक्षता में जांच की मांग

इस संबंध में कपिल सिब्बल ने कहा था कि सुनवाई मंगलवार या बुधवार को नहीं होनी चाहिए, क्योंकि वो दूसरे मामलों में व्यस्त हैं. इस पर सीजेआई ने कहा कि वो मामले को सुनवाई के लिए लिस्ट करते समय इसे ध्यान में रखेंगे.   याचिका में सुप्रीम कोर्ट के एक मौजूदा या रिटायर जज की अध्यक्षता में जांच की मांग की गयी है, ताकि सरकार द्वारा इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर राजनेताओं, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की जासूसी करने की रिपोर्ट की जांच की जा सके. बता दें कि पेगासस जासूसी मामले में चर्चा की अनुमति देने के लिए विपक्षी सदस्य संसद के दोनों सदनों में स्थगन नोटिस दे रहे हैं, जिसे अध्यक्ष खारिज कर रहे हैं. एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने दावा किया था कि 300 से ज्यादा भारतीय मोबाइल फोन नंबर इजरायली फर्म एनएसओ के पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल करके निगरानी के लिए संभावित लिस्ट में थे. इसे भी पढ़ें :  मानसून">https://lagatar.in/monsoon-session-condition-more-than-rs-133-crore-wasted-due-to-ruckus-most-of-the-bills-hang/121120/">मानसून

सत्र का हाल :  हो-हंगामे से 133 करोड़ रुपये से ज्यादा बर्बाद, अधिकतर विधेयक लटके
[wpse_comments_template]

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp