Gaurav Prakash
Hazaribagh: “स्कूल से सरहद तक” एक यात्रा है, जिसमें देश के उज्ज्वल भविष्य हमारे स्कूली बच्चों का प्रेम, विश्वास और आत्मीय धन्यवाद भारत मां के वीर व अदम्य साहस के प्रतिमूर्ति हमारे सैनिकों के पास पहुंचता है. हमारे देश की रक्षा के लिए सरहदों पर डटे फौजियों के लिए नन्हे बच्चे देश अपने हाथों से बने सम्मान स्वरूप कार्ड बना कर भेजते हैं. यह कार्ड महज एक कागज का टुकड़ा नहीं, बल्कि सरहद के जांबाज सिपाहियों के प्रति अपनी कृतज्ञता की मुहर है. इन कार्डों के चित्रों और रंगों में सीमाओं पर डटे फौजी भारत के रंगीन भविष्य की झलक देखकर आश्वस्त होते हैं.
बच्चों में देश प्रेम की अलख जगाने एवं गत छह वर्षों से बच्चों के हाथों बने कार्ड सैनिकों को भेजे जाने की रवायत का श्रेय हाल ही में सेवानिवृत्त हुए वरिष्ठ मुख्य कर आयुक्त अधिकारी विनय कुमार झा को जाता है. इस छोटी सी पहल को मुहिम बनाने वाले विनय कुमार झा की प्रारंभिक स्कूली शिक्षा संत जेवियर स्कूल हजारीबाग में ही हुई है. नन्हे बच्चों के हाथों बने प्यार भरे कार्ड को पाकर हमारे वीर जवान अदम्य उत्साह से भर कर आनंदित होते हैं. देशप्रेम की इस बानगी को सलाम करते हुए जिला प्रशासन ने भी आजादी के अमृत महोत्सव को अनोखे ढंग से मनाने का निर्णय लिया है. डीसी नैंसी सहाय ने जिले के सभी विद्यालयों को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि कक्षा एक से 10वीं तक के बच्चों से हमारे सरहद के जवानों को इस 15 अगस्त अमृत महोत्सव के अवसर पर अपने देश प्रेम की झलक दिखाता हुआ कार्ड बनाकर चार अगस्त तक जिला प्रशासन हजारीबाग को उपलब्ध कराएं.
इसी क्रम में गुरुवार को जिला प्रशासन के पास सैकड़ों कार्ड हजारीबाग के विभिन्न स्कूलों के छात्रों की ओर से बनाकर आ चुका है. हजारीबाग जिला प्रशासन इन कार्डों को दिल्ली भेजेगा. वहां से कार्ड सरहद पर तैनात जवानों को पहुंचाया जाएगा. उन्हें बताया जाएगा कि आप हमारे लिए कितना महत्व रखते हैं. हजारीबाग के विभिन्न स्कूल, जो अति ग्रामीण क्षेत्र में हैं, वहां के छात्रों ने भी कार्ड बनाया है. हजारीबाग से लगभग 20 किलोमीटर दूर सुल्ताना में शोभा ज्ञान पब्लिक स्कूल के बच्चों ने भी कार्ड बनाया, जिसे डीसी को सौंपा गया. यही नहीं राजकीय मध्य विद्यालय के छात्रों ने भी कार्ड बनाकर प्रशासन को उपलब्ध कराया है.
हजारीबाग के हिंदू स्कूल के छात्र-छात्राओं ने भी एक से बढ़कर एक कार्ड फौजियों के लिए बनाया है और बताया कि उनके अदम्य साहस के कारण ही अपना देश आज सुरक्षित है. सभी रात में चैन की नींद लेते हैं. डीसी नैंसी सहाय ने बताया कि यह एक छोटा सा प्रयास है. लेकिन इस प्रयास से स्कूल के छोटे बच्चे जो देश का भविष्य बनेंगे. उनके दिलों में देश प्रेम की भावना को जागृत करना है, तो दूसरी ओर सरहद में जो जवान तैनात हैं, अपने घर परिवार से दूर रहकर देश की सेवा कर रहे हैं, उन्हें बताना कि वे देशवासियों के लिए कितना महत्व रखते हैं. इसे देखते हुए हजारीबाग जिले में यह कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
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” स्कूल से सरहद तक” मुहिम से जुड़ने के लिए बच्चों में दिख रहे उत्साह को DC नैंसी सहाय ने खूब सराहा. स्थानीय विद्यालयों एवं विभिन्न संस्थाओं के बच्चों ने अपने नन्हे हाथों से देश के प्रति अपने सम्मान से लबरेज कार्ड को डीसी को सौंपा. डीसी ने बच्चों के बनाए गए कार्ड को लेकर खुशी प्रकट करते हुए कहा कि बच्चे मन के सच्चे होते हैं. इस नन्ही उम्र में देश के प्रति इनकी सोच को अनुभव करना काफी सुखद है. वे इन सभी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हैं.
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