New Delhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा के बाद गुरुवार सुबह जब दिल्ली लौटे तो पालम एयरपोर्ट पर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित भाजपा नेताओं ने उनका स्वागत किया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की आत्मा क्या होती है, लोकतंत्र का सामर्थ्य क्या है, यह ऑस्ट्रेलिया में हुए भारतीय इवेंट को देखकर समझा जा सकता है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
पीएम ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय के बीच जो समारोह हुआ, उसमें वहां के पीएम, पूर्व पीएम सहित सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसद शामिल हुआ. यह वहां का लोकतंत्र है इस समारोह में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने भारत के प्रतिनिधि को सम्मान दिया. पीएम मोदी का इशारा भारत के उन विपक्षी दलों की ओर था. जिन्होंने नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.
मैं विदेश में जितने भी नेताओं से मिला, वे मंत्रमुग्ध थे
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं विदेश में जितने भी नेताओं से मिला और जिन सभी हस्तियों से मैंने बात की वे मंत्रमुग्ध थे और जितनी कुशलता के साथ भारत जी20 की अध्यक्षता कर रहा है उसके लिए उन्होंने भारत की सराहना की. यह सभी भारतीयों के लिए बहुत गर्व की बात है.
#WATCH | The Indian diaspora event in Sydney was not only attended by the Australian PM but also by former PM, MPs from opposition parties, and the ruling party. This is the strength of democracy. All of them together participated in this program of the Indian community: PM Modi pic.twitter.com/S5ebMs6CsT
— ANI (@ANI) May 25, 2023
<पीएम मोदी विदेश यात्रा से लौटे, कहा, अपने समय का इस्तेमाल देश की भलाई के लिए किया/p>
#WATCH | PM Narendra Modi greets BJP workers and supporters gathered outside Delhi’s Palam airport to welcome him pic.twitter.com/YeN8ZlfOGp
— ANI (@ANI) May 25, 2023
एंथनी अल्बनीज के आमंत्रण पर सिडनी की यात्रा भी की
प्रधानमंत्री सबसे पहले जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान के हिरोशिमा गये. इसके बाद वह पापुआ न्यू गिनी पहुंचे, किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा उस हिंद-प्रशांत देश की यह पहली यात्रा थी. मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के आमंत्रण पर सिडनी की यात्रा भी की. मोदी ने कहा कि उन्होंने अपने समय का इस्तेमाल देश की भलाई के लिए किया.
आलोचकों पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन्हीं लोगों ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान अन्य देशों को टीके देने के फैसले पर सवाल उठाये थे. प्रधानमंत्री ने कहा, याद रखें, यह बुद्ध की भूमि है, यह गांधी की भूमि है. हम अपने दुश्मनों की भी फिक्र करते हैं, हम करुणा से भरे लोग हैं.
गुलाम मानसिकता नहीं रखनी चाहिए
उन्होंने कहा कि दुनिया भारत की कहानी सुनने के लिए उत्सुक है और भारतीयों को कभी भी अपनी महान संस्कृति तथा परंपराओं के बारे में बात करते हुए गुलाम मानसिकता नहीं रखनी चाहिए, बल्कि साहस के साथ अपनी बात रखनी चाहिए. मोदी ने कहा कि दुनिया उनकी इस बात से सहमत है कि देश के धार्मिक स्थल पर कोई भी हमला स्वीकार्य नहीं है.
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