Ranchi: देश में चल रहे किसान आंदोलन के बीच पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के किसानों को संबोधित किया और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाली सहायता राशि की अगली किस्त भी जारी की. उन्होंने इस मौके पर कहा कि देश के किसानों को गुमराह किया जा रहा है और निर्दोष किसानों के हितों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरूआत में देशवासियों को क्रिसमस और गीता जयंती की शुभकामनाएँ दीं. साथ ही साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती पर उन्हे नमन किया .
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किसानों ने सुनी पीएम की बात
झारखंड की राजधानी राँची में भी एलइडी के माध्यम से बड़ी संख्या में किसानों ने उनके संबोधन को सुना. राँची में बीजेपी प्रदेश कार्यालय में किसानों ने प्रधानमंत्री को सुना. राँची के बीजेपी प्रदेश कार्यालय में किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं और किसानों ने प्रधानमंत्री को सुना और कहा कि उनके खाते में भी पैसा आया है और उन्हें इससे काफी मदद मिली है. बीजेपी के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने कहा कि मोदी सरकार देश के किसानों के लिए संवेदनशील है और किसान आंदोलन के नाम जो लोग नाटक कर रहे हैं वे किसान हैं ही नहीं. वहीं ठाकुरगाँव से आए किसान हरिप्रसाद महतो ने कहा कि हर साल मिलने सहायता राशि की किस्त उन्हे मिली है और उससे उन्हे काफी राहत मिलेगी.
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किसानों के खाते में गयी राशि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर देश के करीब 9 करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार 5 सौ करोड़ रुपए ट्रांसफर किए. अब तक इस योजना के तहत 11 करोड़ 4 लाख किसानों का पंजीयन किया जा चुका है और इस देश के 10 करोड़ 59 लाख किसान किसानों को 96,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि सीधे उनके बैंक खाते में पहुंचाई गई है. पीएम किसान योजना का सालाना बजट लगभग 75,000 करोड़ रुपये है. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने किसानों से अपील की कि वे विपक्ष के बहकावे में नहीं आएँ और खुद देखें कि नयी कृषि कानूनों के बाद क्या उन्हे नुकसान पहुँचा है. उन्होने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जो आज किसानों के हित की बात कर रहे हैं वे बताएं कि पश्चिम बंगाल और केरल के किसानों की स्थिती कैसी है .
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6 राज्यों के किसानों से की बात
उन्होंने 6 राज्यों अरूणाचल प्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के किसानों से सीधी बात की और उनसे इस कानून के बारे में जानकारी ली कि क्या उन्हें इस कानून से कोई दिक्कत हुई. प्रधानमंत्री ने किसानों से हल्के फुल्के अंदाज में बात की और उनसे उनकी खेती बाड़ी के बारे में कई सवाल पूछे और उनकी सम्स्याएँ भी सुनीं.
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