NewDelhi : पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले का प्रमुख आरोपी और लंबे समय से फरार चल रहे हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को आखिरकार बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है. 12 अप्रैल को बेल्जियम के एक अस्पताल से उसकी गिरफ्तारी हुई है, जहां वह इलाज के लिए भर्ती था.
सूत्रों के अनुसार, मेहुल चोकसी बेल्जियम से स्विट्जरलैंड भागने की फिराक में था. लेकिन उससे पहले ही उसे दबोच लिया गया. भगोड़े मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी भारतीय जांच एजेंसियों प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के अनुरोध पर हुई है.
गिरफ्तारी के बाद उसे भारत लाने की पूरी कोशिश की जायेगी. हालांकि, चोकसी प्रत्यर्पण प्रक्रिया को लंबा खींचने की कोशिश करेगा. बता दें कि चोकसी का भतीजा नीरव मोदी भी इस बहुचर्चित घोटाले में सह-आरोपी है और वह फिलहाल लंदन में प्रत्यर्पण की कानूनी प्रक्रिया का सामना कर रहा है.
आर्थिक अपराध करके भागे मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया: ईडी सूत्र
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— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 14, 2025
सूत्रों के अनुसार, चोकसी लंबे समय से स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर प्रत्यर्पण से बचता रहा है. उसके वकीलों ने दावा किया था कि वह ब्लड कैंसर से पीड़ित है और इसलिए भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता.
हालांकि, एजेंसियों ने बेल्जियम की अदालत में दलीलें दी कि अगर चोकसी इलाज के लिए एंटीगुआ से बेल्जियम आ सकता है, तो भारत आकर भी उसका इलाज हो सकता है.
एजेंसी की इसी तर्क पर बेल्जियम पुलिस ने कार्रवाई की और मेहुल चोकसी को गिरफ्तार कर लिया. बता दें कि भारत सरकार ने सितंबर 2024 में चोकसी के प्रत्यर्पण की आधिकारिक अपील की थी.
गौरतलब है कि मेहुल चोकसी 2018 में 13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के उजागर होने के बाद भारत से फरार हो गया था और एंटीगुआ में जाकर बस गया था. मई 2021 में वह रहस्यमयी तरीके से एंटीगुआ से भी लापता हो गया था. उस दौरान उसके डोमिनिका में होने की खबर आयी थी.
हालांकि चोकसी ने आरोप लगाया था कि भारतीय एजेंसियों ने उसका अपहरण किया था. इस आधार पर इंटरपोल ने उसके खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस को भी हटा दिया था.
इधर ED ने भगोड़े चोकसी पर कार्रवाई करते हुए उसकी करीब 1,217 करोड़ रुपये की 41 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था, जिनमें मुंबई, कोलकाता, तमिलनाडु, गोवा और सूरत की कीमती जमीनें और बंगले शामिल हैं.