Locknow : यूपी सरकार ने 2017 से लेकर अब तक यानी फरवरी, 2021 तक राज्य में कानून-व्यवस्था लागू करने के लिए एनकाउंटर में 135 अपराधियों को मार गिराया है. यूपी पुलिस ने एनकाउंटर में उत्तर प्रदेश के ज़्यादातर इनामी बदमाशों को ढेर करने का दावा किया गया है. यूपी में योगी सरकार के चार साल पूरे होने पर सरकार द्वारा किये गये प्रयासों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी गयी है. जानकारी दी गयी है कि यूपी पुलिस ने भाजपा की सरकार बनने के बाद पहला एनकाउंटर 27 सितंबर 2017 को सहारनपुर के मंसूर पहलवान का किया था. मंसूर 50 हज़ार रुपये का इनामी बदमाश था. यूपी पुलिस का आज तक का आखिरी एनकाउंटर इसी साल 2021 में एक लाख रुपए के इनामी मोती का है. यूपी के कासगंज में मुठभेड़ में मोती मारा गया था
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मरती है तो नेता शोक जताते हैं, 250 किसानों के मरने पर कोई कुछ नहीं बोला- सतपाल मलिक ज्यादातर अपराधी इनामी मारे गये
यूपी पुलिस ने एनकाउंटर में कानपुर के विकास दुबे को भी मार गिराया. जिसके सिर पर 5 लाख रुपए का इनाम यूपी सरकार ने घोषित कर रखा था. इसके अलावा ढाई लाख रुपए के इनामी तीन बदमाशों को मार गिराया गया. दो लाख की पुरस्कार वाले दो अपराधी, डेढ़ लाख रुपए के इनाम वाले तीन अपराधी और एक लाख के इनाम वाले 18 अपराधी मार गिराये गये हैं. 75000 के इनामी अपराधियों की संख्या एक है. 50 हज़ार रुपए के इनाम वाले अपराधियों की संख्या सबसे ज्यादा है, जो मुठभेड़ में मारे गये. ऐसे अपराधियों की संख्या 46 है.
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प्रदेश के भाजपा सांसद का शव फंदे से झूलता मिला,भाजपा संसदीय दल की बैठक रद्द 51 अपराधी अल्पसंख्यक समुदाय से
मारे गये 135 खूंखार अपराधियों में से अल्पसंख्यक समुदाय के अपराधियों की संख्या 51 है. इसको लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीति गर्माई हुई है. एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यूपी सरकार जानबूझकर मुस्लिमों को टारगेट कर रही है और इसी के चलते प्रदेश में भाजपा सरकार के दौरान हुए एनकाउंटर में 37% मरने वाले मुस्लिम समाज से हैं. हालांकि, इसका खंडन करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने बयान दिया कि उसकी सरकार सब धर्मों के साथ समान व्यवहार करती है. अपराधियों का कोई धर्म नहीं होता है. किसी को भी जानबूझकर निशाना नहीं बनाया गया है.
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में एसटीएफ ने मुठभेड में 50 हजार के इनामी अपराधी को मार गिराया, गया में चार नक्सली ढेर पहले दो साल में 100 से ज्यादा एनकाउंटर
पिछले 4 साल में उत्तर प्रदेश सरकार पर बड़ी संख्या में पुलिस एनकाउंटर करने के आरोप भी लगे. शुरुआत के 2 साल में उत्तर प्रदेश पुलिस ने 100 से ज्यादा लोगों को एनकाउंटर में मार गिराया, जिसके बाद विवाद शुरू हुआ तो सरकार की तरफ से सख्त निर्देश दिये गये कि मुठभेड़ों में अपराधियों को जिंदा पकड़े जाने की ज्यादा कोशिश की जाये. इसका नतीजा यह था कि बाकी के 2 साल में यूपी पुलिस ने काफी कम संख्या में एनकाउंटर किये और अपराधियों को पकड़ने में भी कामयाबी हासिल की. हालांकि, यह भी सच है कि इन कुल 135 एनकाउंटर में से 51 अल्पसंख्यक समाज के हैं जो कि एक बड़ी संख्या है. हालांकि, इन सभी मरने वाले अपराधियों का रिकॉर्ड बताता है कि वे न सिर्फ दुर्दांत रहे हैं, बल्कि इनकी करतूतों से समाज में लंबे समय तक डर का वातावरण रहा है. कुल 135 लोगों में से ज़्यादातर अपराधी इनामी बदमाश रहे हैं, जिनमें इनाम की राशि 25000 से लेकर 5 लाख रुपये तक है.
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