
वाटिकन में पोप चयन की प्रक्रिया जारी, दूसरे दिन भी काले धुएं ने बढ़ाई प्रतीक्षा

Lagatar desk : संत पेत्रुस की गद्दी के लिए जारी ऐतिहासिक कॉन्क्लेव में दूसरे दिन भी नया पोप नहीं चुना जा सका. गुरुवार सुबह स्थानीय समयानुसार 11:51 बजे (भारतीय समय दोपहर 3:21 बजे), सिस्टीन चैपल की चिमनी से एक बार फिर काला धुआं उठता देखा गया. यह इस बात का संकेत था कि 133 कार्डिनलों द्वारा किया गया मतदान निष्फल रहा. कॉन्क्लेव के दूसरे दिन, सेंट पीटर्स स्क्वायर में एकत्र लगभग 12,000 लोगों ने उम्मीद की सांसों के साथ प्रतीक्षा की, लेकिन धुएं के काले रंग ने उन्हें मायूस कर दिया. लोगों के चेहरों पर निराशा झलकने लगी. इससे पहले बुधवार रात 9 बजे (भारतीय समयानुसार 12:30 AM) भी चिमनी से काला धुआं निकला था, जिससे पहले दिन की प्रक्रिया बिना किसी निर्णय के समाप्त हो गई थी. इस दौरान हजारों लोग मौन प्रार्थनाओं में लीन रहे, वहीं कई स्थानीय और विदेशी श्रद्धालु मोमबत्तियां जलाकर शांति की कामना करते नज़र आए. तंज़ानिया से आए डीकन निकोलस एनकोरोंको ने कहा, "हम यहां पवित्र आत्मा के मार्गदर्शन के लिए प्रार्थना करने आए हैं. हमें ऐसे पोप की आवश्यकता है जो न केवल आध्यात्मिक रूप से सशक्त हो, बल्कि पूरी दुनिया को एकता और शांति की ओर दिशा दे सके. कॉन्क्लेव की यह गोपनीय प्रक्रिया, जो 1996 में पोप जॉन पॉल द्वितीय द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार संचालित हो रही है, अनुशासन और पारदर्शिता का उदाहरण मानी जा रही है. मतदान से जुड़ी किसी भी जानकारी के लीक होने पर तत्काल ‘एक्सकम्युनिकेशन’ (धार्मिक बहिष्कार) का प्रावधान लागू होता है. अब सभी की निगाहें अगले मतदान पर टिकी हैं, जहां हर बार उठने वाला सफेद धुआं एक नई आशा का प्रतीक बनता है — शायद अगला पोप अब सामने आए.