Nagpur : देश में धीरे-धीरे गरीबी बढ़ रही है. गरीब लोगों की संख्या बढ़ रही है और कुछ अमीर लोगों के हाथों में धन केंद्रित होता जा रहा है. ऐसा नहीं होना चाहिए. अर्थव्यवस्था को इस तरह विकसित होना चाहिए, जिससे रोजगार उत्पन्न हों और ग्रामीण क्षेत्रों का कल्याण हो.
VIDEO | Union Minister Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) says, "There should not be centralisation of economy. Poor are increasing, few rich people are occupying the wealth. This should not happen. There should be decentralisation of power and wealth. Hence, a big change has come in… pic.twitter.com/rz41L8LgK8
— Press Trust of India (@PTI_News) July 7, 2025
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश में बढ़ती गरीबी और कुछ अमीर लोगों के हाथों में संपत्ति जमा होने पर चिंता जताते हुए नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही.
श्री गडकरी ने धन के विकेंद्रीकरण पर बल दिया, ताकि आर्थिक विकास के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों का कल्याण हो सके. नितिन गडकरी ने कहा कि हम एक ऐसे आर्थिक मॉडल पर विचार कर रहे हैं. जिससे रोजगार तो पैदा होगा ही, इससे अर्थव्यवस्था के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.
महत्वपूर्ण बात यह है कि गडकरी ने पूर्व प्रधानमंत्रियों पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की उदार आर्थिक नीतियों की सराहना की. भारत की आर्थिक संरचना का जिक्र करते हुए गडकरी ने जीडीपी में विभिन्न क्षेत्रों के योगदान में असंतुलन को दर्शाया.
उन्होंने जानकारी दी कि विनिर्माण क्षेत्र का योगदान 22-24 प्रतिशत, सेवा क्षेत्र का 52-54 प्रतिशत है, जबकि 65-70 प्रतिशत ग्रामीण आबादी पर निर्भर कृषि क्षेत्र का योगदान केवल 12 प्रतिशत के आसपास है. गडकरी ने स्वामी विवेकानंद का हवाला देते हुए कहा कि जिसका पेट खाली हो, उसे दर्शनशास्त्र नहीं पढ़ाया जा सकता.
उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (CA) की भूमिका पर जोर देते हुए कहा, सीए अर्थव्यवस्था के विकास का इंजन बन सकते हैं. हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से बदल रही है. ये केवल आयकर रिटर्न और जीएसटी दाखिल करने तक सीमित नहीं है.
गडकरी ने अपने भाषण में परिवहन क्षेत्र में अपनी पहल का उल्लेख किया. बताया कि उन्होंने सड़क निर्माण के लिए बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) सिस्टम शुरू किया था. जानकारी दी कि सड़क विकास के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है. कहा कि मेरे पास धन की कमी नहीं है, बल्कि काम की कमी है.
गडकरी के अनुसार वर्तमान में टोल बूथों से लगभग 55,000 करोड़ रुपये आते है. अगले दो सालों में आय बढ़कर 1.40 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जायेगी. गडकरी ने बताया कि उन्होंने इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT) बांड्स के जरिए से बिना विदेशी सहायता के राशि जुटायी है.
गडकरी ने कहा कि वे कनाडा या अमेरिका जैसे विदेशी देशों से पैसा नहीं ले रहे हैं. गडकरी ने कहा कि वे देश के गरीब लोगों से जुटाए गये पैसे से सड़कें बनवायेंगे. उन्होंने बताया कि 100 रुपये का शेयर अब 160 रुपये का हो गया है. उन्होंने लोगों को 18 से 20 प्रतिशत रिटर्न मिलने की बात कही.