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कोडरमा में माइका उद्योग को फिर से जीवित करने की तैयारी शुरू, पांच माइका ब्लॉक की होगी नीलामी

Koderma : कोडरमा जिले से सटे गिरिडीह जिले में माइका उद्योग को एक बार फिर से जीवंत करने की तैयारी शुरू हो गई है. माइका को लेकर इन दोनों जिले की पहचान विश्व में हुआ करती थी. अब मौजूदा राज्य सरकार ने इस उद्योग को पुनर्जीवित करने को लेकर पहल शुरू की है. इसे भी पढ़ें - अशोका">https://lagatar.in/ashoka-university-controversy-150-intellectual-scholars-including-academicians-from-harvard-yale-oxford-came-in-support-of-pb-mehta/39848/">अशोका

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पदाधिकारियों के साथ-साथ व्यापारियों से भी सुझाव लिए गए

दोनों जिलों में माइका खनन के साथ माइका स्क्रैप यानी ढिबरा के कार्य शुरू करने में आने वाली अड़चनों को दूर करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है. पिछले दिनों खनन सचिव ने ढिबरा चुनने को वैध करने के उपायों को लेकर गहन बैठक की. पदाधिकारियों के साथ-साथ व्यापारियों से भी सुझाव लिए गए.

 ढिबरा का फायदा मजदूर को देने की तैयारी

बैठक का परिणाम भी सकारात्मक रहा. वन विभाग के अधिकारियों से भी अड़चनें दूर करने को लेकर मंतव्य मांगे गए हैं. अप्रैल तक इस दिशा में बेहतर परिणाम आने की संभावना है. इससे आर्थिक संकट से जूझ रहे दोनों जिलों के हजारों मजदूर खुद की माटी से आत्मनिर्भर बन सकेंगे. सरकार ढिबरा का सीधा फायदा मजदूरों को देने की तैयारी कर रही है. इसे भी पढ़ें -विचार">https://lagatar.in/think-be-ashamed-repent-and-accept-last-year-we-were-wrong/39844/">विचार

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कोडरमा व गिरिडीह के माइका की मांग पूरे विश्व में थी

बता दें कि 20 वीं सदी के आठवें दशक में कोडरमा व गिरिडीह के माइका की मांग पूरे विश्व में थी. देश-विदेश में यहां से उत्तम क्वालिटी के माइका की आपूर्ति होती थी. इस उद्योग ने यहां के लोगों को रोजगार दिया था और देश को कई उद्योगपति भी दिए. बाद में वन विभाग के जटिल नियमों के कारण यह उद्योग काफी प्रभावित हुआ और आर्थिक रूप से सशक्त कोडरमा में बेरोजगारी बढ़ती चली गई. लंबे समय से माइका का खनन बंद है, लेकिन अवैध तरीके से माइका खदानों के आसपास ढिबरा यानी माइका स्क्रैप चुनने का काम आज भी जारी है. इसे भी पढ़ें -IDBI">https://lagatar.in/idbi-alerts-people-cheating-in-the-name-of-getting-a-job-in-bank/39838/">IDBI

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सोसाइटी व महिला समूह के माध्यम से हो सकेगी खरीद

कोडरमा-गिरिडीह के जंगली इलाके के हजारों लोग इस रोजगार से जुड़े हुए हैं. ढिबरा चुनने से लेकर परिवहन तक को अवैध मानते हुए कार्रवाई की जाती है. इन जिलों में रोजगार का अन्य विकल्प नहीं होने के कारण वर्षों से लोग इससे जुड़े हुए हैं. अब सरकार चिह्नित डंप से ढिबरा चुनने वाले मजदूरों से कापरेटिव सोसाइटी, महिला समूह या पंचायत स्तरीय कमेटी बनाकर ढिबरा क्रय करेगी.

इन क्षेत्रों में चिह्नित किए गए हैं डंप

झारखंड राज्य खनिज निगम ने जिले में 51 ढिबरा डंप यानी भंडारण क्षेत्र चिह्नित किए हैं. इसमें गझंडी के बेलाटांड, झरखी, चंदवारा के बेंदी, कुंभियातरी, तिलैया वार्ड संख्या-2, ढोढाकोला, ढाब, सपही, मधुवन, ढाब, मसनोडीह, दशारोखूर्द, कुशहना, सिमरिया, जमडीहा, बंदरचुआं आदि इलाके हैं. इसे भी पढ़ें -कोडरमा">https://lagatar.in/koderma-mother-accuses-son-and-daughter-in-law-of-assault-application-given-to-police/39835/">कोडरमा

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पांच माइका ब्लॉक की भी होगी नीलामी

मिहिर सलकर, जिला खनन पदाधिकारी, कोडरमा ने बताया कि कोडरमा व गिरिडीह में पांच माइका ब्लॉक की भी नीलामी की प्रक्रिया चल रही है. कोडरमा जिला के डोमचांच के पारहो में पांच हेक्टेयर, मरकच्चो के पसीयाडीह में 10 हेक्टेयर, कोडरमा प्रखंड के खरकोट्टा और गिरिडीह में दो माइका ब्लॉक को नीलामी के लिए चिह्नित किया गया है. वहीं माइका उद्योग को पुर्नजीवित करने के लिए खनन विभाग के उपनिदेशक उत्तरी छोटानागपुर के नेतृत्व में कमेटी बनाई गई है. ढिबरा को भी वैध करने के लिए विभाग स्तर पर तैयारी चल रही है. जिले में ढिबरा के 51 डंप चिह्नित किए गए हैं. माइका खनन शुरू करने में आ रही समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. इसे भी पढ़ें -सुप्रीम">https://lagatar.in/supreme-court-question-how-many-generations-reservation-will-continue-what-does-equality-mean-when-there-is-no-50-percent-limit/39832/">सुप्रीम

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