- 12 करोड़ रुपये के पोशाक आपूर्ति पर उठे हैं सवाल
- 1.72 लाख छात्रों को मिली खराब क्वालिटी की पोशाक
Hazaribagh : जिले के सरकारी स्कूलों में पोशाक वितरण में भारी अनियमितता का मामला तूल पकड़ने के बाद जिले से लेकर राज्य स्तर पर जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जानकारी के मुताबिक, जिले में लगभग 12 करोड़ रुपये के पोशाक की आपूर्ति की गई है. इस मामले को लेकर सदर मनीष जायसवाल ने भी सत्र चलने के दौरान धरना देकर 1.72 लाख छात्रों को बेहद खराब क्वालिटी का पोशाक उपलब्ध कराने का आरोप लगाया था.
मामला कुछ इस कदर फैला है कि गुरुवार को राज्य की तीन सदस्यीय टीम जांच करने के लिए हजारीबाग पहुंच गई. पोशाक उपलब्ध कराने में हुई अनियमिता की जांच करने के लिए रांची से जब पदाधिकारी पहुंचे, तो जिले के शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों से लेकर कर्मियों और पोशाक उपलब्ध कराने वाले स्वयं सहायता समूहों में खलबली मच गई. करीब पांच घंटे तक विभिन्न ऑर्डर, सप्लाई और किन संस्थानों को काम दिया गया, इसकी विस्तृत जानकारी ली गई. वहीं कई लोगों से सैंपल के रूप में पोशाक भी मंगाया गया. इस दौरान कुछ लोगों ने यह भी आरोप लगा दिया कि यह वह पोशाक नहीं है, जो सप्लाई किया गया है, बल्कि दुकान से लाकर पदाधिकारी को दिखाया जा रहा है.
एक कर्मी ने खुद को बीआरसी स्टाफ बताते हुए केरेडारी से पोशाक लाकर दिखाने की बात भी कर डाली. जब उस पर कैमरा की नजर पड़ी, तो वह भागते नजर आया. जांच करने के दौरान प्राइमरी डायरेक्टर एजुकेशन नेहा अरोड़ा ने कहा कि पोशाक वितरण में हुई गड़बड़ी के लगे आरोपों का निरीक्षण करने के लिए हजारीबाग पहुंची है. जांच पूरी होने के बाद ही कुछ विशेष टिप्पणी की जा सकती है. जांच में जो भी बात सामने आएगी, उससे सरकार को अवगत कराया जाएगा. वहीं, आने वाले दिनों में क्या फिर से टीम हजारीबाग आएगी, इस पर उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर कदम उठाया जाएगा.
मार्शल बुनकर समिति के कपड़ों की हुई जांच
सरकारी विद्यालय में बच्चों के पोशाक को लेकर लगे आरोपों की जांच करने प्राइमरी डायरेक्टर नेहा अरोड़ा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम आई थी. पोशाक गड़बड़ी मामले में लगभग पांच घंटे तक विभिन्न पदाधिकारी और आपूर्तिकर्ताओं से पूछताछ की गई. दूसरी ओर चूरचू के मार्शल बुनकर समिति से भी तीन सदस्यीय टीम ने जानकारी ली है. साथ ही स्थल निरीक्षण किया है. बुनकर समिति जो कपड़ा का निर्माण कर रही है, उसकी भी जांच की गई है.
इसे भी पढ़ें : हजारीबाग : डीआईजी सुनील भास्कर के औचक निरीक्षण में थाना में नहीं मिली थी स्टेशन डायरी, एसपी बोले- होगी कार्रवाई
जिला स्तर पर गठित टीम भी कर रही जांच
इस संबंध में डीसी नैंसी सहाय ने बताया कि जिला स्तर पर भी पूरे मामले को लेकर जांच कमेटी बनाई गई है. टीम जिला और प्रखंड में जाकर गुणवत्ता और साइज को लेकर उठाए गए सवालों पर जांच कर रिपोर्ट बनाएगी. फिर जांच रिपोर्ट को राज्य को भेजा जाएगा. इसके बाद राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय जांच कमेटी दोनों के रिपोर्ट आने के बाद ही विशेष टिप्पणी की जा सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि सेल्फ हेल्प ग्रुप, डीबीटी और स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के जरिए पोशाक उपलब्ध कराना था. पिछले साल भी एसएचजी को पोशाक उपलब्ध कराने के लिए दिया गया था. उन्होंने अच्छा काम भी किया, जिसे देखते हुए इस बार भी हजारीबाग और लोहरदगा के सेल्फ हेल्प ग्रुप को काम दिया गया. सरकार के पत्राचार के आलोक में काम किया गया है.
भारत सरकार से करेंगे शिकायत : अन्नपूर्णा
स्कूल पोशाक घोटाले को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा है कि राज्य सरकार को इस विषय पर कहने से कोई लाभ नहीं मिलेगा. अब इसकी शिकायत भारत सरकार को की जाएगी, ताकि पूरे मामले की जांच हो और जिस व्यक्ति ने भी गड़बड़ी की है, उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सके. गौरतलब हो कि राज्य सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों में पोशाक के लिए प्राथमिक कक्षा के छात्रों के लिए 600 रुपये निर्धारित किए गए थे. इसमें 350 रुपये का दो जोड़ा पोशाक, 150 सौ रुपया का फूल स्वेटर और 100 रुपये का जूता-मौजा देना है. वहीं उच्च प्राथमिक कक्षा के छात्रों के लिए 760 रुपये निर्धारित किया गया है. इसमें 400 रुपये का दो जोड़ा पोशाक, 200 रुपये का फूल स्वेटर और 160 रुपये का जूता-मौजा उपलब्ध कराना है.
[wpse_comments_template]