Ranchi: कोरोना की वैक्सीन आने के बाद भी रोजगार के अवसरों में बढ़ोत्तरी नहीं हो पा रही है. निजी संस्थान रोजगार के अवसरों को बढ़ाने वाली गितिविधियों को बढ़ावा नहीं दे रहे. जिसके कारण रोजगार के अवसर लोगों को कम मिल रहे हैं. हालाँकि सभी सेक्टर्स में हायरिंग की गतिविधि कम दिख रही है. लेकिन कुछ ऐसे सेक्टर्स भी हैं जहां नई नौकरियां आ रही हैं. साथ ही कुछ ऐसे भी सेक्टर्स हैं जिसपर कोरोनाकाल का ज्यादा असर देखने को मिल रहा है.
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आर्थिक गितिविधियों पर ब्रेक !
भारत के साथ-साथ दुनिया के विभिन्न देशों में आर्थिक गतिविधीयों में गिरावट देखने को मिल रही है. आर्थिक गतिविधि की बात करें तो कोरोना कि वजह से जीडीपी में गिरावट, फैक्ट्रियों का बंद होना, सामानों की बिक्री कम होना, रोजगार पर सबसे ज्यादा असर डाला है. फैक्ट्रियों का बंद होना, निजी संस्थानों में प्रोजेक्ट का कम मिलना, निजी संस्थानों में रोजगार पर सबसे गहरा असर डाला है.
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रोजगार के अवसरों में गिरावट
निजी संस्थानों में नौकरी मुहैय्या कराने वाले कंपनियों के मुताबिक कोरोना संकट ने देशभर में नई नौकरियों पर असर डाला है. कंपनियों का कहना है कि निजी संस्थानों में रोजगार के अवसर नये प्रोजेक्ट मिलने के बाद ही होते हैं. हालांकि कोराना काल की वजह से नये प्रोजेक्ट नहीं मिल रहे हैं. कंपनियों के मुताबिक आगामी मार्च महीने के बाद ही रोजगार के अवसर बन पायेंगे. उनका कहना है कि ऐसी परिस्थितियों में चीजें सुधरने में करीब एक वर्ष का समय लग जायेगा. फिलहाल रोजगार के अवसरों में 50% गिरावट आई है.
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यहां उपलब्ध हैं रोजगार के अवसर
कोरोना काल में ज्यादातर लोगों ने ग्रोसरी आइटम्स की खरीदारी में ऑनलाइन को ज्यादा तरजीह दी. लिहाजा डिलीवरी ब्यॉय की मांग Flipkart, Amazon जैसी कंपनियों में बढ़ गई. साथ ही BPO, Online teaching के क्षेत्र में लोगों को रोजगार मिल रहे हैं. लॉकडाऊन के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में एजुकेशनल ऐप्स पर शिक्षकों की मांग बढी है. IT Sector, sales के क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध हैं.
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