Paris / Dhaka / Ankara : पैगंबर मोहम्मद साहब के कार्टून विवाद में मुस्लिम देशों और फ्रांस के बीच मतभेद बढ़ता जा रहा है. फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के उस बयान पर, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस्लाम संकट में है, पर मुस्लिम देशों को सबसे ज्यादा आपत्ति है. इधर बांग्लादेश की राजधानी ढाका में पैगंबर साहब के कार्टून विवाद के विरोध में इस्लामिक समूह ने जुलूस निकाला. इस दौरान समूह ने दुनिया भर के मुसलमानों से फ्रांसीसी उत्पादों का बहिष्कार करने का आग्रह किया.
पैगंबर मोहम्मद साहब के कार्टून के प्रदर्शन के विरोध में ढाका में प्रदर्शनकारियों ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुयल मैक्रों की तस्वीर का बड़ा कट-आउट भी लाये थे, जिसके गले में जूते लटकाये गये थे. बता दें कि चेचन मूल के एक 18 वर्षीय व्यक्ति पर 16 अक्टूबर को पेरिस के पास पैगंबर मुहम्मद के कार्टून दिखाने पर एक फ्रांसीसी शिक्षक का सिर काटने का आरोप है.
तुर्की ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति के बयान की आलोचना की
तुर्की के राष्ट्रपति तैएप रेसेप यर्दोगान ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति के बयान की आलोचना की. उन्होंने कहा कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति मानसिक रूप से बीमार हो गये हैं. उनकी जांच की जरूरत है. वहीं सऊदी अरब और ईरान में भी फ्रांसीसी राष्ट्रपति के बयान की आलोचना हो रही है. मलेशिया और पाकिस्तान ने भी फ्रांस की कड़ी निंदा की है.
फ्रांस ने इस्लामिक गुटों के खिलाफ एक्शन लिया
फ्रांस ने टीचर की हत्या के बाद कट्टरपंथी इस्लामिक गुटों के खिलाफ एक्शन लिया है. इन चीजों को फ्रांस धार्मिक व्यंग्य को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मानता है. जबकि कई मुसलमान पैगंबर साहब पर किसी भी कथित व्यंग्य को गंभीर अपराध मानते हैं.