इस मामले में अब तक इन 10 आरोपियों के खिलाफ दायर किया गया है आरोप पत्र - अब्दुल्ला फैयाज शेख - तल्हा खान - मोहम्मद इमरान खान - मोहम्मद यूनुस साकी - अब्दुल कादिर पठान - सिमाब नसीरुद्दीन काजी - जुल्फिकार अली - शमील नाचन - आकिफ नाचन - शहनवाज आलम

पुणे ISIS मॉड्यूल मामला : अब तक 10 आतंकियों की गिरफ्तारी, झारखंड से कनेक्शन

पुणे ISIS मॉड्यूल मामला : 10वीं गिरफ्तारी, झारखंड से जुड़ा है कनेक्शन Ranchi : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को पुणे आईएसआईएस मॉड्यूल मामले में बड़ी सफलता मिली है. एजेंसी ने आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के स्लीपर मॉड्यूल से जुड़े दो भगोड़ों को गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े गये आरोपियों की पहचान अब्दुल्ला फैयाज शेख उर्फ डायपरवाला और तल्हा खान के रूप में हुई है. दोनों की गिरफ्तार मुंबई एयरपोर्ट से उस समय हुई, जब वे इंडोनेशिया के जकार्ता से लौट रहे थे और उन्हें आव्रजन ब्यूरो ने रोका. इसके बाद एनआईए की एक टीम ने दोनों को हिरासत में ले लिया और औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया. दोनों आरोपी पिछले दो वर्षों से फरार थे. एनआईए की विशेष अदालत, मुंबई ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था. एजेंसी ने दोनों पर 3-3 लाख रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा था. शनिवार को एनआईए ने यह जानकारी दी. झारखंड कनेक्शन भी आ चुका है सामने इस मामले में झारखंड का कनेक्शन पहले भी सामने आ चुका है. 2 नवंबर, 2023 को एनआईए ने हजारीबाग से आईएसआईएस के एक अन्य आतंकी मोहम्मद शहनवाज आलम को गिरफ्तार किया था. यह गिरफ्तारी इस बात की पुष्टि करता है कि मॉड्यूल के तार झारखंड तक फैले हैं. एनआईए की जांच में यह खुलासा हुआ है कि गिरफ्तार सभी 10 आरोपियों ने हिंसा और आतंक के जरिये भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने और सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रची थी. उनका मकसद देश की शांति और सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाना था। गिरफ्तार आरोपियों के साथ ही दोनों के खिलाफ दाखिल हो चुका है आरोप पत्र अब्दुल्ला फैयाज शेख उर्फ डायपरवाला और तल्हा खान के खिलाफ अन्य गिरफ्तार आरोपियों के साथ ही आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है. दोनों ने पुणे के कोंढवा इलाके में अब्दुल्ला फैयाज शेख द्वारा किराए पर लिए गए एक घर में IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) तैयार किया था. वहीं साल 2022-2023 के दौरान इन परिसरों में इस आईईडी का परीक्षण करने के लिए नियंत्रित विस्फोट भी किया था. इसके अतिरिक्त, उन्होंने बम बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाओं का भी आयोजन किया था और उसमें भाग भी लिया था.